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saraikela-police-आरआईटी: सीएम ट्वीट मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता ने लिया संज्ञान, आयोग को लिखा पत्र प्रथम दृष्ट्या थाना प्रभारी को माना दोषी

सरायकेला : सरायकेला- खरसावां जिला के आरआईटी थाना अंतर्गत एमआईजी 248 निवासी प्रिंस कुमार राय के पूरे परिवार पर पिछले शुक्रवार को हुए जानलेवा हमले के मामले में थाना द्वारा किए गए कार्रवाई को लेकर कोडरमा के मानवाधिकार कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा ने संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि पीड़ित प्रिंस कुमार राय जो एक पिछड़ी जाति से बिलॉग करता है. पूरे परिवार के साथ घायल अवस्था में थाना पहुंचता है, और थानेदार द्वारा बगैर सुरक्षा के पूरे परिवार को पर्ची थमा मेडिकल जांच के लिए भेज दिया जाता है. जबकि इस दौरान पूरा परिवार लहूलुहान अवस्था में थाना पहुंचा था. ऐसे में मानवाधिकार कानून का खुल्लम- खुल्ला उल्लंघन हुआ है. इस संबंध में मानवाधिकार कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा ने आयोग को पर्याप्त साक्ष्य मुहैया कराए हैं. गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को आरआईटी थाना अंतर्गत एमआइजी 247 निवासी पप्पू दुबे और आलोक दुबे ने अपने सहयोगी हिस्ट्रीशीटर अपराधी सुमित राय के साथ मिलकर पड़ोस में रहने वाले पिछड़ी जाति के गरीब तबके के परमानंद राय एवं उसके पूरे परिवार पर जानलेवा हमला कर दिया था. जहां पूरा परिवार लहूलुहान अवस्था में ही थाना पहुंचा था, लेकिन थाने से उन्हें इंज्युरी काटकर बगैर एंबुलेंस या पुलिस वाहन के यूं ही मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेज दिया गया. जिसके बाद पीड़ित परिवार द्वारा मुख्यमंत्री को पूरे मामले की ट्वीट कर जानकारी दी. वहीं मुख्यमंत्री ने झारखंड और सरायकेला पुलिस को ट्वीट कर पूरे मामले पर संज्ञान लेने का निर्देश दिया. इधर आनन-फानन में आर आईटी थाना पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार कर आधे घंटे के भीतर थाना से ही छोड़ दिया गया. जबकि जो धाराएं लगाई गई है वह बेहद ही गैर जिम्मेदाराना प्रतीत होता है. ऐसे में पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई है. उधर आरोपियों द्वारा पीड़ित परिवार को केस उठाने की धमकी भी दी जा रही है.

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