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सरायकेला-खरसावां : आरआइटी पुलिस ने नियम को रखा ताक पर, पंचनामा के बाद रात भर लाश को छोड़ा घटनास्थल पर, दूसरे दिन भेजा पोस्टमार्टम

आरआइटी थाना प्रभारी की तस्वीर.

सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले के आरआइटी थाना अंतर्गत बाबा कुटी रोड नंबर 19 में कल जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा रितु कुमारी ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. वैसे आत्महत्या के पीछे छात्रा का जिद्दी स्वभाव बताया जा रहा है. जहां पुलिस को दिए गए अपने बयान में छात्रा के पिता रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि स्कूटी के लिए जिद कर रही थी आर्थिक तंगी थी इसलिए थोड़े दिनों बाद बोनस मिलने पर खरीद कर देने की बात कही गई थी, लेकिन जिद्दी स्वभाव के कारण उसने ऐसा किया. यहां तक तो ठीक है, लेकिन आरआईटी थाना पुलिस मौका ए वारदात पर पहुंचकर शव का पंचनामा करने के बाद शव को अपने कब्जे में लेकर  घटनास्थल से लगभग 35 किलोमीटर दूर सरायकेला स्थित पोस्टमार्टम हाउस भेजने के बजाय छात्रा के शव को परिजनों के कहने पर घटनास्थल पर ही रातभर छोड़ दिया. वैसे वो भी ठीक होता अगर उस कमरे को प्रॉपर सील कर दिया जाता या किसी महिला या पुलिस अधिकारी अथवा आरक्षी को तैनात कर दिया जाता, लेकिन पूरी रात घरवालों के जिम्मे आत्महत्या के मामले में शव को घटनास्थल पर लावारिस अवस्था में छोड़ देना नियमानुकूल नहीं हो सकता. इसे घोर लापरवाही समझा जा सकता है. वैसे नियम तो ये कहता है कि रात अधिक हो जाने पर या तो शव को अपने कब्जे में लेकर पुलिस उसे किसी अस्पताल के मोर्ज में अथवा थाने में ही रख सकती है. वैसे आरआईटी थाना पुलिस ने किन परिस्थितियों में रातभर छात्रा के शव को लावारिस अवस्था में घटनास्थल पर छोड़ा ये तो थाना इंचार्ज जो खुद मौका ए वारदात पर पहुंचे थे और अपनी मौजूदगी में पंचनामा करवाया था वही बता सकते हैं. हालांकि मीडिया के सवालों पर उन्होंने केवल इतना ही बताया कि छात्रा ने आत्महत्या कर ली है आगे अनुसंधान जारी है.

क्या कहते है आदित्यपुर थाना प्रभारी :

नियमतः ऐसा नहीं किया जा सकता है लेकिन निर्भर परिस्थिति पर करता है. लॉ एंड ऑर्डर की समस्या उतपन्न नहीं हो इसलिए शव को पीओ से हटा दिया जाता है. वैसे घटनास्थल को सील कर देने का नियम है: विजय कुमार सिंह इंस्पेक्टर आदित्यपुर

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