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सेल्स रिप्रेंजेंटेटिव ने जमशेदपुर डीसी ऑफिस पर किया प्रदर्शन

जमशेदपुर : बिहार स्टेट सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन के आह्वान पर सोमवार को जमशेदपुर डीसी ऑफिस पर दवा विक्रय प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन किया. यूनियन के अनुसार, एनडीए सरकार उनकी कारपोरेट समर्थक और मजदूर विरोधी नीतियों के तहत, सभी 44 श्रम कानूनों को चार संहिताओं में बदलने की प्रक्रिया में, युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. इसी प्रक्रिया में प्रस्तावित कोड ऑफ ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन बिल, 2019  द्वारा विक्रय प्रोत्साहन कर्मचारी (सेवा शर्त) अधिनियम-1976, निरस्त कर दिया जाएगा, जो मेडिकल और विक्रय प्रतिनिधियों के अथक संघर्ष के कारण लागू किया गया था. यह प्रस्तावित परिवर्तन देश के विभिन्न उद्योगों में काम करने वाले पांच लाख से अधिक विक्रय प्रोत्साहन कर्मचारियों के अधिकारों और नौकरी की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. श्रम कानूनों में नियोक्ता परस्त इन प्रस्तावित संशोधनों के विरोध में मेडिकल और विक्रय प्रतिनिधियों ने चरणबद्ध तरीके से प्रतिरोध आंदोलन शुरू किया है. प्रदर्शन के बाद इन लोगों ने देश के श्रम मंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन डीसी के माध्यम से भेजा गया, जिस पर करीब 300 से अधिक विक्रय प्रोत्साहन कर्मचारी द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं. इस ज्ञापन में विक्रय प्रोत्साहन कर्मचारी अधिनियम के श्रमिकों के अनुकूल मौजूदा प्रावधानों के संरक्षण की अपील की गई है. इस कार्यक्रम से पहले कर्मचारियों ने दो दिन अपने काम के दौरान मांग बिल्ला पहनकर काम किया था. यूनियन ने यह भी बताया कि मौजूदा श्रम कानूनों की रक्षा के लिए श्रमिकों ने स्वतंत्र और संयुक्त जनवादी आंदोलनों के किसी भी हद तक जाने का फैसला किया है, तथा देश के नागरिक से अपील किया कि वे केंद्र सरकार की इन मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध करें, जिसके माध्यम से सरकार मजदूर विरोधी कानून लागू करना चाहता है.

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