गम्हरिया : बीते 29 मई को सड़क दुर्घटना में घायल शंकरपुर निवासी अनूप सोरेन की बीते 6 जून को इलाज के दौरान मौत होने और एमजीएम अस्पताल प्रबंधन द्वारा 72 घंटे बाद अज्ञात मानकर अंतिम संस्कार किए जाने की पुष्टि थाना प्रभारी राजू ने कर दी है. अनूप सोरेन के मृत घोषित करने की सूचना मिलते ही अनूप की पत्नी सपना सोरेन थाना परिसर में ही मूर्छित हो गई. वहीं खेरवाल सांवता जाहेरगाड़ समिति कालिकापुर के सचिव भोमरा माझी ने इसके लिए एमजीएम अस्पताल प्रबंधन और अनूप सोरेन का इलाज करनेवाले चिकित्सकों को मामले में दोषी ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि जब अस्पताल के रजिस्टर में अनूप का नाम और पता दर्ज है तब उसके शव को अज्ञात बताकर कैसे डिस्पोज कर दिया गया. यह घोर लापरवाही है इसके लिए दोषियों को चिह्नित कर कार्रवाई होनी चाहिए. (नीचे भी पढ़ें)
विदित हो कि शंकरपुर के पास बीते 29 मई की देर रात बाइक दुर्घटना में अनूप सोरेन घायल हो गया था, जिसके बाद उसे पुलिस ने एमजीएम में भर्ती कराया था. इस बीच 20 दिन से परिजन उसे ढूंढ़ते रहे, मगर न तो गम्हरिया पुलिस और न ही एमजीएम अस्पताल प्रबंधन यह बता पाया कि अनूप सोरेन कहां गया. मंगलवार को भोमरा माझी ने निजी तौर पर एमजीएम अस्पताल जाकर जांच कर पता लगाया था कि अनूप सोरेन एमजीएम अस्पताल में भर्ती हुआ था कि नहीं. उन्होंने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले और पूरे मामले की पड़ताल की. परिजनों ने बताया कि एमजीएम अस्पताल में पता लगाने पहुंचने पर मुर्दा घर में जाकर पहचान करने को कहा गया. वहां जाकर देखा तो वहां भी अनूप का शव नहीं मिला. फिर अनूप कहां गया पूछने पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से उन्हें झिड़ककर भगा दिया गया. उन्होंने इसे गैर जिम्मेदाराना और अमानवीय वर्ताव बताया. बुधवार को एक बार फिर से भोमरा माझी के नेतृत्व में परिजन शंकरपुर वासियों के साथ गम्हरिया थाना पहुंचे और अनूप सोरेन के विषय में जानकारी लेनी चाही, मगर थाना प्रभारी काफी देर तक गैरहाजिर रहे, जिससे परिजनों में घोर मायूसी देखी गई. हालांकि करीब आधे घंटे बाद थाना प्रभारी राजू पहुंचे और भोमरा माझी को स्पष्ट कर दिया कि बीते 6 जून को ही अनूप सोरेन की मौत हो गई थी जिसे अस्पताल प्रबंधन द्वारा अज्ञात बताकर डिस्पोजल कर दिया गया है. भोमरा ने बताया कि अब परिजनों के साथ वार्ता कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.T