आदित्यपुर : झारखंड में जन वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले चावल में दुकानदारों द्वारा इन दिनों दो प्रकार के चावल वितरित किये जा रहे हैं. इससे लोगों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है. कुछ लोग इसे मिलावट मान रहे हैं तो कुछ लोग दो मिल का होने के कारण उन्हें अलग-अलग किस्म का चावल बता रहे हैं. वैसे दोनों चावलों के गुण भी अलग-अलग होने के कारण मिलावट की आशंका प्रबल मानी जा रही है. (नीचे भी पढ़ें)
चावलों के ढेर से दूसरे किस्म का चावल पानी में डालते ही अपना रंग बदल लेता है और चिपचिपा हो जाता है. पानी सफेद हो जाता है, जबकि पकने के बाद वह चावल का गुण भी प्रभावित कर देता है. गम्हरिया के एक उपभोक्ता ने इसका खुलासा करते हुए बताया कि विगत एक वर्ष से प्रधानमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना एवं झारखंड सरकार की ओर से दिये जाने वाले चावलों में मिलावट पाया जा रहा है. (नीचे भी पढ़ें)
उन्होंने बताया कि डीलर को कई बार इसकी जानकारी दी, मगर डीलर ने यह कह कर साफ पल्ला झाड़ लिया कि चावल वह अपने घर से नहीं दे रहा. जो सरकार मुहैया करा रही है वही वह उपभोक्ताओं को दे रहा है. आपको लेना है तो लीजिए अन्यथा छोड़ दीजिये. वैसे विगत 3 महीने से गम्हरिया प्रखंड के ज्यादातर डीलरों ने उपभोक्ताओं को राशन नहीं दिया है. दिया भी जा रहा है तो वह बैकलॉग का राशन है, किन्तु न तो विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है और न ही सरकार.