जमशेदपुर : बिहार-झारखंड में टीडीएस और टीसीएस के मद में आयकर विभाग 10,085 करोड़ रुपये की वसूली करेगी जबकि कुल 13439 करोड़ रुपये की वसूली बिहार और झारखंड में किया जाना है. इसके लिए विभाग की ओर से आउटरीच प्रोग्राम के तहत करदाताओं तक संपर्क किया जा रहा है और उनको जागरूक किया जा रहा है. अगर इन जागरूकता के बावजूद अगर टैक्स का सही तरीके से भुगतान नहीं किया गया तो फिर सर्वे की कार्रवाई की जायेगी. यह जानकारी बिहार-झारखंड के टीडीएस के आयकर आयुक्त एचके लाल ने दी. श्री लाल जमशेदपुर के दौरे पर है और उनके साथ टीडीएस रेंज 2 के अपर आयकर आयुक्त मनीष झा भी दौरे पर आये थे. इस दौरान जमशेदपुर की टीडीएस वार्ड की आयकर अधिकारी अंजली लकड़ा भी मौजूद थी. इन लोगों ने संवाददाता सम्मेलन में टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स), टीसीएस (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) और ट्रेसेस के संबंधित संशोधन, प्रावधानों समेत अन्य बारीकियों के बारे में जानकारी दी. जमशेदपुर के सीएच एरिया स्थित आयकर कार्यालय में अपने संबोधन के दौरान यह कहा गया कि कई ऐसे केस भी सामने आये है, जिसमें टीडीएस या टीसीएस की कटौती की गयी है, लेकिन सरकार के खाते में इसको नहीं डाला गया है. इसके अलावा कई लोग ऐसे है, जिन लोगों ने टीडीएस जितनी काटनी चाहिए, उतना नहीं काटा जा रहा है और लगातार विभाग को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. ऐसे लोगों को सचेत किया जा रहा है, उनको बताया जा रहा है और नहीं मानने पर पैनाल्टी भी लगायी जा रही है. हालांकि, आंकड़ों का खुलासा अधिकारीद्वय ने नहीं किया. (नीचे देखे पूरी खबर)
मिसमैच के करीब 450 करोड़ रुपये का केस सामने आये
बिहार-झारखंड के टीडीएस के आयकर आयुक्त एचके लाल और टीडीएस रेंज 2 के अपर आयुक्त मनीष झा ने बताया कि झारखंड में करीब 450 करोड़ रुपये के टैक्स के केस है, जिसमें मिसमैच है यानी गलतियां की गयी है. ऐसी गलतियों को सुधारने की कोशिश की जा रही है और नकेल कसने की भी तैयारी की जा रही है. श्री लाल ने बताया कि अभी एजुकेट किया जा रहा है. अगर फिर भी अगर सुधार नहीं हुआ तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. (नीचे देखे पूरी खबर)
कर्मचारियों में परक्विजिट टैक्स को लेकर जानकारी का अभाव, एचआरए में गलत कटौती के केस
वेतनभोगी कर्मचारियों के टीडीएस के बारे में जानकारी देते हुए टीडीएस रेंज 2 के अपर आयुक्त मनीष झा ने बताया कि परक्विजिट यानी कंपनियों की ओर से मिलने वाली सुविधाओं पर आयकर की कटौती कम कर दी जा रही है या छूट लेने का दावा किया जा रहा है जबकि टीडीएस की राशि में जो प्रावधान है, उसके मुताबिक, अगर एचआरए मिल रहा है तो एचआरए की पूरी राशि पर आयकर की गणना होनी है और उसमें छूट नहीं मिलनी है, लेकिन फिर भी दावा कर दिया जा रहा है, जो गलत है. ऐसे लोगों को बताने के लिए कंपनियों के प्रबंधनों को भी दिशा-निर्देश दिये जा रहे है.