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Bokaro boys dedication : दादी को ठेले पर लेकर इलाज कराने पहुंचा 12 वर्षीय बच्चा, एंबुलेंस नहीं मिलने पर पोते ने उठाया यह सराहनीय कदम, चंदनकियारी सीएचसी में एक माह से नहीं है कोई एंबुलेंस

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अनिल कुमार / बोकारो : बोकारो जिला प्रशासन आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के दावे जितने कर ले, जिले के चंदनकियारी सीएचसी में सामने आई हृदय विदारक घटना ने उन दावों की पोल खोल कर रख दी. महज दस से बारह वर्षीय एक बच्चा कंबल में लिपटी अपनी दादी को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा तो देखनेवालों की आंखें नम हुए बिना नहीं रहीं. (नीचे भी पढ़ें)

बोकारो जिले के चंदनकियारी क्षेत्र के विकास के तमाम दावों के बीच शुक्रवार को चंदनकियारी सीएचसी में एक दस से बारह वर्षीय बच्चा अपनी बीमार दादी को ठेले पर लेकर सीएचसी पहुंचा, चंदनकियारी मुख्यालय की पक्की सड़क पर मासूम बच्चे को अपनी 75 वर्षीया बीमार दादी को ठेले पर लेकर सामुदायिक अस्पताल जाते देख कोई भी द्रवित हुए बिना नहीं रहा. जहां वृद्धा ठेले पर कंबल में लिपटी पड़ी हुई थी, वहीं उसके ठेले के साथ एक महिला व एक बच्ची भी चल रही थीं. महज दस से 12 वर्षीय पोते सूरज कुमार ने इस दौरान पूछने पर बताया कि वे चंदनकियारी बागानटोला के निवासी हैं व उसकी वृद्धा दादी कई दिनों से बीमार है. अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण वह घर में रखे ठेले पर ही लादकर अस्पताल पहुंचाया. (नीचे भी पढ़ें)

एक महीने से नही है एंबुलेंस

उधर इस संबंध में चंदनकियारी सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रीनाथ ने कहा कि एक माह पूर्व ही अस्पताल की 108 एंबुलेंस रांची से लौटते समय हादसे का शिकार हो गई थी, तब से वह खराब ही पड़ी है. एक महीने बीतने के बाद भी अस्पताल को एंबुलेंस नहीं मिल पाई है. दूसरी ओर क्षेत्र में सांसद व विधायकों से प्रदत्त कई एंबुलेंस अब सरकारी फाइलों में ही सिमटकर रह गई हैं, जो अब अस्पताल या सड़कों पर नही दिखतीं. वहीं बोकारो के एसीएमओ डॉ एच के मिश्रा ने कहा कि घटना की जानकारी मिली है, ऐसे में पूरे मामले में जानकारी लेकर एंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी.

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