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रामगोपाल जेना/चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने शनिवार को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत संचालित बायोफ्लॉक, मिश्रित एवं केज पद्धति से मत्स्य पालन योजनाओं का निरीक्षण किया. इस क्रम में उन्होंने सदर प्रखंड के टुंगरी में बायोफ्लॉक से हो रहे मत्स्य पालन का निरीक्षण किया. (नीचे भी पढ़ें)
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उन्होंने कहा कि बायोफ्लॉक एक नई तकनीक है, जिसमें कम जल क्षेत्र में ज्यादा मत्स्य संचयन संभव है. इसी तरह उन्होंने मंझारी प्रखंड के भरभरिया में मिश्रित मत्स्य पालन का भी निरीक्षण किया, जिसमें झींका, मणिपुरी हिलसा एवं इंडियन मेजर कॉर्प आदि मछलियों के पालन का जायजा लिया. साथ ही उन्होंने तोरलो डैम में केज पद्धति से मत्स्य पालन का भी जायजा लिया. (नीचे भी पढ़ें)
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निरीक्षण के उपरांत मंझारी प्रखंड के बड़ातोरलो पंचायत भवन में उपायुक्त की अध्यक्षता में सावित्रीबाई फुले, प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति, पेंशन एवं मुख्यमंत्री पशुधन योजना सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा भी की, जिसमें उपायुक्त ने वंचित लोगों को इन योजनाओं का लाभ देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इन सभी योजनाओं से कोई भी लाभुक वंचित ना रहे, इसका विशेष रूप से ध्यान रखना है. इसके साथ ही उन्होंने पंचायत भवन एवं स्कूल एवं आंगनवाड़ी केंद्र का भी निरीक्षण किया, एवं स्कूली व्यवस्था में सुधार लाने हेतु उपस्थित शिक्षकों को प्रखंड विकास पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर कार्य करने का निर्देश दिया.म मौके पर जिला मत्स्य पदाधिकारी जयंत रंजन, प्रखंड विकास पदाधिकारी मंझारी सहित प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.