जमशेदपुर : बारीडीह गुरुद्वारा के प्रधान का चुनाव बॉलीवुड की किसी मेलोड्रामा की तरह होता प्रतीत होता है. शुक्रवार को कुलदीप सिंह शेरगिल ने अपने कुछ समर्थकों संग अपने आप को बारीडीह गुरुद्वारा का प्रधान घोषित करा लिया, जिसका संज्ञान लेते हुए सीजीपीसी ने कुलदीप शेरगिल की प्रधानगी को अवैध करार दिया है. शनिवार को सीजीपीसी के प्रधान भगवान सिंह ने इस अवैधानिक कृत्य को गंभीरता से लेते हुए सीजीपीसी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बैठक कर कुलदीप सिंह शेरगिल को सीजीपीसी कार्यालय में सशरीर तलब किया है. कमेटी के चेयरमैन सरदार शैलेंदर सिंह ने बैठक का हवाला देते हुए कहा कि उनके उपस्थित नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई की बात भी पत्र में कही गई है, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं कुलदीप शेरगिल पर होगी.(नीचे भी पढ़ें)
सीजीपीसी प्रधान सरदार भगवान सिंह ने बताया कि पत्र के माध्यम से कुलदीप सिंह शेरगिल को यह कहते हुए सूचित किया गया है कि वे सीजीपीसी के वरीय उपाध्यक्ष होने के साथ-साथ अकाली दल सहित और भी कई धार्मिक संगठनों के जिम्मेदार सदस्य के रूप में कार्य कर रहे हैं, परन्तु शुक्रवार को बारीडीह गुरुद्वारा में कुछ समर्थकों के साथ अपने आप को गलत तरीके से प्रधान घोषित कराना शर्मनाक होने के साथ ही प्रावधानों का घोर उल्लंघन और इसकी प्रकिया पूरी तरह गलत है. बैठक में अध्यक्ष सरदार भगवान सिंह के अलावा चेयरमैन शैलेंद्र सिंह, महासचिव अमरजीत सिंह व गुरुचरण सिंह बिल्ला, परविंदर सिंह सोहल एवं गुरनाम सिंह मुख्य रूप शामिल रहे. (नीचे भी पढ़ें)
वहीं दूसरी तरफ, सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) ने बारीडीह क्षेत्र की गुरु प्यारी संगत के नाम एक सन्देश देते हुए कहा है कि जैसा संगत को ज्ञात है, फ़िलहाल सीजीपीसी ही बारीडीह गुरुद्वारा के प्रबंधन का कार्य देख रही है. इसी क्षमता का प्रयोग करते हुए सीजीपीसी ने आह्वान किया है कि आगामी 22 जून (शनिवार) को शाम चार बजे संगत की एक आम सभा बुलाई गई है. इस बैठक में बारीडीह गुरुद्वारा के प्रधान के चुनाव पर चर्चा होगी. इसलिए सीजीपीसी ने बारीडीह की समूह संगत से बड़ी संख्या में पहुंच कर चुनाव पर अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया है.