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Jamshedpur congress district president : जमशेदपुर कांग्रेस अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे पर गिर सकती है गाज, आलाकमान लोकसभा प्रत्याशी समीर मोहंती की शिकायत को लेकर गंभीर, अब आनंद बिहारी दुबे के समर्थक कांग्रेस नेता ने समीर मोहंती पर किया पलटवार, जानें क्या है ”कांग्रेस क्राइसिस” का अपडेट

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जमशेदपुर : जमशेदपुर कांग्रेस अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे भ्रष्टाचार के मामले में घिर गये. 25 लाख रुपये प्रत्याशी समीर मोहंती से लेकर पैसा खा लेने का गंभीर आरोप लगाते हुए जमशेदपुर लोकसभा से झामुमो प्रत्याशी समीर मोहंती ने एक पत्र लिखा है, जो अब मीडिया की सुर्खियां बन गयी है. इससे पहले शार्प भारत ने भी इस पर सवाल उठाये थे. इसको लेकर अब समीर मोहंती के पत्र के बाद लगभग तय हो गया कि कहीं न कहीं कोई घपला जिला अध्यक्ष ने किया ही होगा. हालांकि, खुद आनंद बिहारी दुबे ने इस बात से साफ तौर पर इनकार किया है. लेकिन अब कांग्रेस आलाकमान ने इसको गंभीरता से लिया है और एक्शन लेने की तैयारी की गयी है. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के पद से कभी भी आनंद बिहारी दुबे की छुट्टी हो सकती है क्योंकि लोकसभा चुनाव जैसे मामले में खुद प्रत्याशी ने यह गंभीर आरोप लगा दिये है और यह भी तय हो गया है कि बूथों पर प्रत्याशी का इंडिया गठबंधन की ओर से कोई आदमी नहीं था. समीर मोहंती के इस पत्र के आधार पर कार्रवाई करने की तैयारी की गयी है. (नीचे भी पढ़ें)

विदित हो कि इस बार के लोकसभा चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ है कि कांग्रेस गठबंधन में होने के कारण 400 से कम सीटों, महज 328 पर ही चुनाव लड़ी है. इंडिया गठबंधन कुल 466 सीटों पर लड़ी जिसमें से 138 सीटों पर कांग्रेस ने अपने सहयोगी पार्टियों को टिकट दिया और उनमें से जमशेदपुर संभवतः इकलौती सीट है, जहां कांग्रेस की महत्वपूर्ण सहयोगी पार्टी झामुमो के लोकसभा प्रत्याशी द्वारा कांग्रेस के ही जिलाध्यक्ष पर चुनावी फंड में हेराफेरी एवं विरोधी पार्टी को मदद पहुंचाने का सीधा आरोप लगाया गया है. अब महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि झारखंड में सत्तासीन गठबंधन के सरकार की मुख्य पार्टी झामुमो के प्रत्याशी द्वारा कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी के जिलाध्यक्ष पर इतना गंभीर आरोप लगता है. शहर एवं प्रदेश के जाने-माने अखबारों द्वारा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाता है फिर भी भला क्या कारण हो सकता है कि इतने गंभीर मामलें का संज्ञान न तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और ना ही प्रदेश प्रभारी द्वारा लिया जाता है. यहां तक कि बीते जून को रांची में प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर के नेतृत्व में हुई समीक्षा बैठक में भी झामुमो प्रत्याशी द्वारा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पर लगाये इस गंभीर आरोप पर चर्चा तक नहीं होती है. इतने गंभीर मामलें पर प्रदेश नेतृत्व की चुप्पी भी अपने-आप में कई सवाल खड़ें करती है. खुद जिलाध्यक्ष की तरफ से भी इस आरोप के खिलाफ सिवा जुबानी जमाखर्च के, कोई मजबूत खंडन अबतक सामने नहीं आया है. पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच भी यह बहस का मुद्दा बना हुआ है कि अगर जिलाध्यक्ष ही इस तरह की अनुशासनहीनता दिखायेंगे तो भला आगामी विधानसभा चुनावों में संगठन कैसे एकजुट होकर लड़ेगी ? अब इन सवालों के बीच कांग्रेस के वरीष्ठ नेता सुभाष उपाध्याय ने कहा कि समीर महंती लोकसभा चुनाव में करोड़ों का सौदा कर बिद्युत बरण महतो के सामने आत्मसमर्पण कर चुके थे. लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की ओर से झामुमो का प्रत्याशी समीर महंती को बनाया गया था जो वर्तमान में बहरागोड़ा से विधायक भी है, इस लिहाज से भी बहरागोड़ा निवासी एवं सांसद बिद्युत बरण महतो से उनके अच्छे संबंध थे. समीर महंती जानते थे कि बिद्युत बरण महतो मजबूत प्रत्याशी है और निकट भविष्य में विधानसभा चुनाव भी है तो दोनों ने आपस में तालमेल बिठा लिया. समीर मोहंती एक करोड़ का सौदा कर बिद्युत बरण महतो के सामने आत्मसमर्पण कर दिए. (नीचे भी पढ़ें)

इस वादे के साथ कि विधानसभा चुनाव में बिद्युत बरण महतो को मदद करना होगा. अब इस बात को बल इस प्रकार मिलता है कि जमशेदपुर लोकसभा चुनाव में गोविन्दपुर, गदरा, राहरगोडा, बारीगोडा, सरजमदा, बड़ा गोविन्दपुर, धानचट्टानी, लुआबासा, खैरबनी आदि इलाकों में कम से कम सौ बूथों में दर्जनों बैठक एवं हजारों समर्थकों की पदयात्रा हुई, जिसमें वे खुद उसमें शामिल भी हुए. प्रत्याशी के आने की सूचना भी थी लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब कोई प्रत्याशी सैकड़ों बूथ वाले क्षेत्रों के दौरे पर निकले ही नहीं. वे एक दिन भी नही आए इन क्षेत्रों में आम लोग चाहते हुए भी प्रत्याशी का दर्शन नहीं कर पाए. इन इलाकों का मोर्चा जुगसलाई विधानसभा के विधायक मंगल कालिंदी संभाले हुए थे और उनके अथक प्रयास से ही समीर मोहंती को वोट मिले वरना जो रवैया समीर मोहंती ने अपनाया था उससे लोगों में भारी नाराजगी थी फिर भी मंगल कालिंदी एवं सभी दलों के कार्यकताओं के प्रयास से सम्मानजनक वोट प्राप्त हुए. यह भी सच है कि शहरों में झामुमो का जनाधार नहीं है और कुछ लोग है भी तो चुनाव में उनकी उपस्थिति फोटो खिंचवाने भर की थी जमशेदपुर पुर्वी विधानसभा क्षेत्र में बूथों पर कांग्रेस के कार्यकर्ता पुरी मुस्तैदी से डटे हुए थे. लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद समीर मोहंती अपने हार का ठीकरा जिला कांग्रेस के नेताओं पर फोडना चाह रहे हैं जबकि सुभाष उपाध्याय ने दावा किया है कि समीर मोहंती की मजबूत सांठगांठ भाजपा से हो चुकी थी और आने वाले विधानसभा चुनाव में झामुमो बहरागोड़ा से प्रत्याशी भी बदल रही है. यही कारण है कि समीर मोहंती सांसद बिद्युत बरण महतो के इशारे पर कांग्रेस को जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा में कमजोर कर भाजपा को फायदा पहुंचाना चाहते हैं. इस मामले की पूरी जांच राज्य के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन एवं झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन के संज्ञान में संगठन हित में होनी चाहिए.

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