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jamshedpur court decision in murder – सोनारी के शशि पासवान हत्याकांड में रवि दास समेत छह को उम्रकैद, 10-10 हजार रूपए का लगाया गया जुर्माना

जमशेदपुर : जमशेदपुर के सोनारी में 5 सितंबर 2011 को शशि पासवान की हुई हत्या के मामले में जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे-4 राजेन्द्र कुमार सिन्हा की अदालत ने शनिवार को छह आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई हैं. साथ ही 10-10 हजार रूपए का जुर्माना लगाया हैं. जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त तीन साल का सजा दी गई है. सजा दी गई आरोपियों में सोनारी निर्मल नगर दोमुहानी का वासू बागती, मानगो डिमना रोड विश्वकर्मा कॉलोनी का विवेक शर्मा उर्फ विवेक लोहार, निर्मलनगर दोमुहानी का निरंजन महतो, दोमुहानी का बबलु महतो उर्फ भकलू महतो और निर्मल नगर दोमुहानी के रवि दास शामिल है. जमशेदपुर कोर्ट के अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने बताया कि मामले में कुल 11 लोगों की गवाही हुई हैं. जमशेदपुर कोर्ट ने भारतीय दंड विधान (भादवि) कि धारा 147 के तहत एक साल, धारा 148 के तहत दो साल, धारा 323/149 के तहत एक साल, धारा 302/149 के तहत उम्रकैद और अतिरिक्त तीन साल, धारा 201/149 के तहत पांच साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई हैं. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सभी सजांए साथ-साथ चलेगी. (नीचे भी पढ़ें)

क्या हैं मामला : 
घटना 5 सितंबर 2011 को घटी थी और शशि पासवान के पिता रामबिलास पासवान के बयान पर सोनारी थाने में मामला दर्ज कराया गया था. घटना के दिन शशि अपने साथी विजय पासवान, रवि पासवान, पंचु गोराई, छोटू कर्मकार, सोनु निषाद, रंजन कर्मकार व अन्य के साथ गणेश पूजा के दौरान डांस का कार्यक्रम देखने के लिये गया हुआ था. बच्चे सटेज पर डांस कर रहे थे, इस बीच बच्चों को पुरस्कार देने के लिये शशि रात के 8.30 बजे स्टेज पर गया था। पुरस्कार देने के बाद नीचे उतरते समय ही उसपर ईंट और पत्थर से हमला कर दिया था.
घटना को अंजाम देने में थे यह लोग :
घटना की रात चुनु सिंह सरदार ने शशि पर पीछे से ईंट से हमला कर दिया था. इसके बाद शशि कुछ दूरी पर जमीन पर गिर गया, तभी वहां सभी पहुंच गये थे, जिसमें रवि दास, संजय बनिया, लखिंद्र महतो, वासु बागती, सोनु, विवेक लोहार, पुटु कालिंदी, निरंजन, भोकलू महतो आदि हाथ में तलवार, भुजाली और पत्थर लिये हुए थे. घटना के समय घटना का विरोध करने रामबिलास पासवान, विजय पासवान, पंचु गोराई, छोटू लोहार आदि गये थे. तब चुनु सिंह सरदार, रवि दास और बाबु सरदार ने पिस्तौल और भुजाली का भय दिखाया और फायरिंग कर दी. इसके बाद सभी डर से वहां से भाग गये थे. घटना के बाद पुलिस ने शशि के शव दोमुहानी नदी से बरामद किया था. सिर पूरी तरह से कुचला हुआ था. शशि की हत्या कर साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से शव को नदी में फेंक दिया गया था.

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