15 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले दो को उम्रकैद एवं सहयोग करने वाले दो साथी को 20-20 साल का सश्रम कारावास
जमशेदपुर के सुंदरनगर थाना क्षेत्र के तूरामडीह के अहरगुड्डू में एक 15 वर्षीय नाबालिग छात्र के साथ पांच साथियों मिलकर सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोप में अदालत ने चार आरोपियों को मंगलवार को सुनवाई के दौरान सजा सुनाई है. इनमें से रौशन कुजूर (सोमाय झोपड़ी), सन्नी सोरेन उर्फ पत्थर (पुरीहांसा टोला) को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जबकि इनके अन्य दो साथी सूरज पात्रो ( हरहरगुटटू बागबेड़ा) एवं शंकर तियू (सोमाय झोपड़ी) को 20 -20 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई. एक का मामला जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष सुनवाई चल रही हैं. अदालत ने इन पर अलग से 17500 रुपये कर प्रत्येक पर जुर्माना भी लगाया हैं. इस मामले की सुनवाई जमशेदपुर कोर्ट के स्पेशल जज पोस्को के न्यायाधीश कवलजीत चोपड़ा की अदालत ने की. अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने बताया कि मामले में कुल 9 लोगों की गवाही हुई हैं. आरोपी रौशन और सन्नी सोरेन को पोस्को की धारा 6 के तहत उम्रकैद 10 हजार रूपए का जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर एक साल का अतिरिक्त सजा अलग से भुगतने का आदेश दिया हैं. पोस्को की धारा 10 के तहत 7 साल 5-5 हजार रूपए का जुर्माना लगाई हैं। जबकि आरोपी शंकर तियू और सूरज पात्रो को 20-20 साल 10-10 हजार रूपए का जुर्माना लगाई गई. धारा 10 के तहत 5-5 साल 5-5 हजार रूपए का जुर्माना लगाई गई तथा आईपीसी की धारा 323/34 के तहत एक साल 1000 रुपये, धारा 341/34 के तहत एक माह 500 रुपये, एवं धारा 506/34 के तहत 2 साल 1000 रुपये का जुर्माना लगाई गई. घटना 6 अक्टूबर 2020 की हैं. पीड़ित छात्रा ने सुंदरनगर थाना में एफआईआर दर्ज करते हुए पुलिस को बताया था कि घटना के दिन वह अपनी सहेली के साथ तुरामडीह के हरहरगुटटू से डांस क्लास कर अपने घर लौट रही थी जब वे कालियाडीह और घाघीडीह के बीच ब्रिज के पास पहुंची उन्हें चार – पांच लड़के ने रोक लिया. जिनमें से कुछ लड़कों ने उसे पकड़ा और दो ने उनके साथ दुष्कर्म किए। दुष्कर्म करने वालों में रौशन और सन्नी सोरेन था. पुलिस ने इस मामले में पांच को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. अदालत ने इन्हें अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए सजा सुनाई हैं. (नीचे भी पढ़ें)
उलीडीह : शादी की नीयत से नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने आरोप से एक बरी
जमशेदपुर के उलीडीह थाना क्षेत्र से एक 16 वर्षीया नाबालिग लड़की को शादी की नीयत से बहला-फुसलाकर कर भगा ले जाने के आरोप से शंकोसाई रोड नंबर एक के रहने वाला रितिक कुमार को अदालत ने मंगलवार को साक्ष्य अभाव में बरी कर दिया. इस मामले की सुनवाई जमशेदपुर कोर्ट के स्पेशल जज पोस्को न्यायाधीश कवलजीत चोपड़ा की अदालत ने की. बचाव पक्ष से अधिवक्ता श्वेता साहा ने बताया कि घटना 16 दिसंबर 2023 की हैं. नाबालिग लड़की के परिजन रितिक के खिलाफ उलीडीह थाने में नाबालिग को शादी की नीयत से बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया था. लड़की घटना के दिन दोपहर तीन बजे घर से निकली थी. बाद में घर नहीं लौटा. परिवार वाले को खोजबीन के दौरान पता चला था कि पड़ोस के रहने वाला रितिक ने भगाकर ले गया था. पुलिस ने रितिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.