जमशेदपुर : जमशेदपुर दुर्गा पूजा केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष चन्द्रानाथ बनर्जी ने मंगलवार को प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि जमशेदपुर दुर्गा पूजा केन्द्रीय समिति के संगठन के बारे में पिछले दिनों जमशेदपुर में भ्रामक जानकारियां फैलाई गयी. उन्होंने कहा कि महासचिव रामबाबू सिंह द्वारा पिछले दिनों आयोजित कार्यकारिणी बैठक और बैठक के दौरान लिए गए निर्णय असवैधानिक है. इसके कारण समाज में संगठन को लेकर ग़लत संदेश गया है. जमशेदपुर दुर्गा पूजा केन्द्रीय समिति एक पंजीकृत संस्था है, यह अपने संविधान के अनुसार संचालित होती है. न कि खाता न बही जो कहें रामबाबू सिंह वही सही. रामबाबू सिंह द्वारा दिनांक 28 सितंबर को आयोजित बैठक एवं जमशेदपुर दुर्गा पूजा केन्द्रीय समिति के रिक्त पदों पर अपने पंसद के लोगो को पदाधिकारी बनाना पूर्णतः असंवैधानिक है. जमशेदपुर दुर्गा पूजा केन्द्रीय समिति के कार्यकारिणी ने 1 अक्तूबर को एक बैठक कर रामबाबू सिंह द्वारा लिए गए फ़ैसले को रद्द कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि रामबाबू सिंह ने वर्षों से एवं 23 वर्षो से महासचिव के पद पर रहते हुए जमशेदपुर केंद्रीय दुर्गा पूजा कमिटी की देखरेख की है. समिति के सभी सदस्य उनका आदर करते है. रामबाबू सिंह से उन्होंने आग्रह किया है कि वो इस तरह के भ्रामक कार्य ना करें, इससे संगठन की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
कोरोना काल में कमिटी दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर कार्य कर रही है एवं सरकार से गाइडलाइन जारी करने एवं जारी गाइडलाइन मे संसोधन करने की प्रयास कर रही है. दूसरी तरफ रामबाबू सिंह अपनी मनमानी कर रहे हैं, जिसके चलते पूरे जमशेदपुर के दुर्गा पूजा समितियो के बीच असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है. कोविड काल में कैसे विधि विधान से जमशेदपुर मे दुर्गा पूजा का आयोजन हो सके, जमशेदपुर दुर्गा पूजा केन्द्रीय समिति इसके लिए काम करे, न की आंतरिक विवाद फिलहाल जनहित में नही है. इस प्रेस कांफ्रेंस में अध्यक्ष चंद्रनाथ बनर्जी, सचिव अरुण सिंह, उपाध्यक्ष पिंटू दत्ता, उपाध्यक्ष सपन मजूमदार, सह सचिव दिलजय बोस, संजय सिन्हा, सहर्ष अमृत, सदस्य सोमनाथ सिंह, धर्मेंद्र कुमार, प्रमोद राय, अरूप मजूमदार तथा संरक्षक कपिल भुई, शंभु जयसवाल, सलाहकार प्रभाकर राय एवं रामनाथ सिंह मौजूद थे. (नीचे खबरें और है, पढ़े. )
कार्यकारी अध्यक्ष आशुतोष सिंह ने कहा-रामबाबू सिंह ने काम किया है, किसी को प्रमाण की जरूरत नहीं
जमशेदपुर दुर्गा पूजा केंद्रीय समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आशुतोष सिंह ने कहा है कि मंगलवार को एक प्रेस वार्ता जमशेदपुर दुर्गा पूजा केंद्रीय समिति के बैनर के तले, तथाकथित लोगों के द्वारा किया गया जो की पूर्णता और असंवैधानिक है क्योंकि इसकी सूचना कार्यकारिणी तथा महासचिव को नहीं था. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहा गया कि कार्यकारी अध्यक्ष की आवश्यकता ही नहीं थी फिर कार्यकारी अध्यक्ष क्यों चुना गया विगत वर्ष दो हजार अट्ठारह उन्नीस में समिति के द्वारा कुल 14 बैठकें की गई. उसमें से अध्यक्ष की उपस्थिति मात्र 4 में थी वर्ष 2019 2020 में 8 बैठकें संपन्न हुई. उनमें से अध्यक्ष की उपस्थिति मात्र एक में थी इसलिए समिति ने रिक्त पदों पर यह निर्णय लिया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा गया कि उस बैठक की सूचना अध्यक्ष को नहीं थी जो कि पूर्णता गलत है समिति के रामबाबू सिंह के द्वारा यह सूचना व्हाट्सएप के माध्यम से उन्हें भेजी गई थी फोन पर भी उनसे बात हुई थी तत्पश्चात उनकी उपस्थिति नहीं होने पर भी 7:30 बजे उन्हें टेलीफोन के माध्यम से उनसे पूछा गया कि उनकी अभी तक उपस्थिति इस बैठक में क्यों नहीं है. तत्पश्चात उन्होंने आदेश दिया सभी समितियों के सामने टेलीफोन के माध्यम से की आज की बैठक की अध्यक्षता आशुतोष करेंगे और जो भी निर्णय होगा वह मान्य होगा. उनके आदेश के उपरांत ही उस बैठक की अध्यक्षता आशुतोष सिंह द्वारा किया गया. पंजीयन प्रति में संस्था का नाम जमशेदपुर दुर्गा पूजा केंद्रीय समिति है एवं उसका कार्यालय उत्कल एसोसिएशन है परंतु एक पैड जिसमें ऑफिस का एड्रेस अलग है और किसी भी संस्था का पहचान उसके पता से ही होता है. इस संस्था के पंजीयन प्रति में कार्यकारिणी में उल्लेखित मात्र 11 सदस्य ही हैं. उनके अध्यक्ष बनाने के समय बैठक की अध्यक्षता किसने की थी यह उन्हें ज्ञात होगा कृपया कर यह सभी को बताए जबकि उस समय अध्यक्ष स्वर्गीय ताराचंद महंती जी जीवित थे क्या ताराचंद महंती जी ने उस बैठक की अध्यक्षता किए थे. उस बैठक में कौन-कौन लोग उपस्थित थे और किसने अध्यक्षता की थी. बिना अध्यक्ष के अनुमति के उनके अध्यक्ष की बैठक भी और संवैधानिक है. अध्यक्ष ने बिना समिति को सूचना दिए मुख्य सचिव के पास एक गलत पैड को उपयोग करते हुए गए, झारखंड सरकार के सबसे वरिष्ठ अधिकारी मुख्य सचिव के पास संस्था का गलत पैड यूज कर सरकारी तंत्र को भी गुमराह करने की कोशिश की गई जो कि गलत है जो कि पूरा शहर जानता है. यह संस्था कोई राजनीतिक संस्था नहीं है यह 100 वर्षों की संस्था है सेवा भाव ही मुख्य उद्देश्य है. इसी को ध्यान में रखते हुए यह संस्था चली आ रही है और आगे भी चलती रहेगी. यह संस्था जमीनी कार्यकर्ताओं का है. संस्था के द्वारा विगत वर्षों में कभी भी 2017 से पहले इस तरह का प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं किया. यह एक धार्मिक संगठन है और एक मर्यादित संगठन है. इसकी मर्यादा का ख्याल सभी को रखने की आवश्यकता है.