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Jamshedpur former cricketer group demand : जमशेदपुर के क्रिकेटर ने उछाला पूर्व खिलाड़ी रणधीर सिंह पर ज्यादती का मुद्दा, जेएससीए की वर्तमान कमेटी को पत्र लिख कर ऐसी हरकतों से बचने के लिए किया आगाह

जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्व क्रिकेटर समूह के संयोजक शेषनाथ पाठक ने जेएससीए को एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने शहर के अधिकांश क्रिक्टरों व क्रिकेट लवर्स की एक दुखती रग सहलाने की कोशिश के साथ ही नगर के एक उम्दा पूर्व क्रिकेटर पर पूर्व कमेटी द्वारा की गयी ज्यादतियों से निजात दिलाने की मांग भी की है.महज डेढ़ दशक पूर्व तक जमशेदपुर स्थित कीनन स्टेडियम झारखंड एवं बिहार की क्रिकेट गतिविधियों के केंद्र में रहा. (नीचे भी पढ़े)

लेकिन उसके बाद कुछ निहित स्वार्थ से वशीभूत कुछ लोगों की कुटिल चालों के कारण कीनन स्टेडियम ही नहीं, जमशेदपुर की क्रिकेट गतिविधियों पर भी काले बादल छा गये. कीनन स्टेडियम में अप्रैल 2006 में भारत-इंग्लैंड के बीच अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच खेला गया, उसके बाद ऐसा मौका फिर नहीं आया. जेंटलमेन्स गेम के झारखंडी नियामकों की अहम की लड़ाई व टांग खिंचाई ने स्टेडियम को तो खंडहर बनाया ही, बीसीसीए (अब जेएससीए) के नियमों को ताक पर रख कर, कोर्ट की अवमानना कर भी मनमानी की गई जिससे जमशेदपुर का क्रिकेट का गढ़ ढह गया.(नीचे भी पढ़े)

लेकिन दिग्गजों की उठा-पटक में शहर के कई क्रिकेटरों का भविष्य भी अंधेरे में डूब गया. ऐसे ही एक खिलाड़ी रहे पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रणधीर सिंह, जो बड़ों की लड़ाई में पिसते रहे और इसी गम में डिप्रेशन का शिकार हो कर दिवंगत भी हो गये. लेकिन कई मैचों में टीम इंडिया में शामिल रहे रणधीर सिंह को जेएससीए ने आज तक औपचारिक शोक जताना भी उचित नहीं समझा.(नीचे भी पढ़े

श्री शेषनाथ पाठक ने पत्र में रणधीर सिंह पर ज्यादतियों की चर्चा करते हुए जेएससीए बाइलॉज का उल्लेख किया है, जिसमें पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों को स्वतः लाइफ मेंबर बनाने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि बीसीए के सचिव बीएन सिंह व पीएन शंकरन के काल में उन्हें यह सम्मान मिला भी. यही नहीं, उन्होंने उनको कई अहम जिम्मेवारियां भी सौंपीं जिनका उन्होंने बखूबी निर्वहन किया.(नीचे भी पढ़े)

लेकिन उसके बाद रणधीर सिंह को जेएससीए से दूध की मक्खी की तरह बाहर निकाल फेंका गया, जिसके कारण वे डिप्रेशन में चले गये और उनका निधन भी हो गया. श्री पाठक ने रणधीर सिंह को मिलनसार और यारों के यार बताते हुए कहा कि क्रिकेट संघ से अलग किये जाने का दुख उनके चेहरे पर हमेशा दिखता था, और इसी दुख से उनका निधन भी हुआ इसे कोई झुठला नहीं सकता.(नीचे भी पढ़े)

उन्होंने कहा कि उनके निधन के बाद जमशेदपुर के पूर्व खिलाड़ियों ने एवं मित्रों ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की, लेकिन जेएससीए रांची में इंट्रा कंट्री क्रिकेट का आयोजन तो कर रहा है, किन्तु उन्होंने रणधीर सिंह को कम से कम श्रद्धांजलि अर्पित करना भी जरूरी नहीं समझा. (नीचे भी पढ़े)

श्री पाठक ने जेएससीए की वर्तमान कमेटी के अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे नियमों के खिलाफ जाकर किसी को संघ से बाहर करने के असंवैधानिक कार्य से रोकें. उहोंने कहा है कि नियम बदल कर खिलाड़ियों को संघ से बाहर तो निकाल सकता है, किन्तु इससे प्रदेश क्रिकेट को नुकसान व खिलाड़ियों के निजी जीवन पर उसके प्रभाव का अंदाजा भी वे नहीं लगा सकते.

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