जमशेदपुर : जमशेदपुर की साहित्यिक संस्था “मरुधर साहित्य ट्रस्ट” एवं “जयशंकर प्रसाद विचार मंच रांची” के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय तुलसी भवन के प्रयाग कक्ष में भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ. मुख्य अतिथि सह प्रायोजक शैली अग्रवाल के साथ विशिष्ट अतिथि उदित अग्रवाल एवं लखन विक्रांत ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. (नीचे भी पढ़ें)
कवि गोष्ठी में 25 कवि कवयित्रियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की, जिनकी रस धार में उपस्थित श्रोता भीगते रहे. सभी कवियों की प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को बांधे रखने में कसर नहीं छोड़ी. शृंगार रस, वीर रस की रचनाओं ने जहां श्रोताओं को भाव विभोर किया, वहीं हास्य, व्यंग्य की फुहारें भी लोगों को गुदगुदाती रहीं. क्षमा की पंक्तियाँ “सनातन की शान बनारस है”, नीता सागर जी की “मैं नोट हूँ” सविता सिंह मीरा की “सुबह सुबह सलाम किसका था” नवीन की “अगरबत्तियां जलकर भी खुशबू फैलाती हैं, एक सात्विक मन के सम्पूर्ण समर्पण की सुगंध परमात्मा तक पहुंचाती है ने तो माहौल ही बदल दिया. (नीचे भी पढ़ें)
डॉ रजनी रंजन, ममता, उषा, अंजु केशव, पूनम सिंह, लक्ष्मी सिंह, अनिता निधि, सुष्मिता मिश्रा सलीलात्मजा, रीना गुप्ता, माधवी उपाध्याय, अनामिका मिश्रा, लखन सिंह विक्रांत, लता मानकर प्रियदर्शिनी, आरती श्रीवास्तव विपुला, मेहा मिश्रा, राजेंद्र साह राज, मनीष सिंह वंदन, दीपक वर्मा दीप सभी ने श्रोताओं को मुग्ध कर दिया. इससे पूर्व कार्यक्रम की संयोजिका निवेदिता श्रीवास्तव ने अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया. निवेदक नरेश अग्रवाल के सौजन्य से कार्यक्रम बहुत ही सुनियोजित तरीके से पूरा हुआ. सभी प्रतिभागी कवियों को उपहार दिया गया जिससे उनमें हर्षोल्लास दिखा. (नीचे भी पढ़ें)
कार्यक्रम के समापन से पूर्व मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि आनेवाले कल में भुवनेश्वर में कार्यक्रम कराएंगी कार्यक्रम की स्तरीय व्यवस्था एवं कवियों की प्रस्तुति से वो काफी प्रभावित हुईं और उन्हें भी कविता लिखने की प्रेरणा मिली और वो लिखने का प्रयास करेंगी. उन्होंने सभी कवियों को मधु कुंज अगरबत्ती के पैकेट उपहार स्वरूप दिये जिससे सभी काफी प्रभावित हुए. अध्यक्ष लखन विक्रांत जी ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया और धन्यवाद ज्ञापन वसंत जमशेदपुरी ने किया.