जमशेदपुर : पूरे देश में कोरोना संकट को देखते हुए लॉक डाउन का दूसरा चरण शुरू हो चुका है. 14 अप्रैल को पहले चरण की मियाद पूरी होने के बाद पीएम मोदी ने इस संकट को टालने को लेकर आगामी तीन मई तक देश में लॉक डाउन जारी रखने का फरामन सुनाया है. वहीं देशभर में कोरोना संक्रमितों और मौतों का सिलसिला जारी है. इधर लॉक डाउन पार्ट टू में भी झारखंड में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. वहीं जमशेदपुर में अभी भी बेवजह लोग घरों से बाहर निकलने से बाज नहीं आ रहे. इधर जमशेदपुर में प्रचंड गर्मी का प्रकोप शुरू हो चुका है, बावजूद इसके जमशेदपुर पुलिस लगातार सड़कों पर डेरा जमाए आम लोगों से घरों में रहने की अपील करती नजर आ रही है. जहां साकची थाना प्रभारी ने इसे पुलिस की जिम्मेवारी बताते हुए लोगों से लॉक डाउन का सख्ती से पालन करने की अपील कर रहे हैं. वहीं उन्होने स्वयंसेवी संस्थाओं से सामाजिक दूरी का पालन करते हुए भोजन आदि का वितरण करने का अपील किया. साकची थाना प्रभारी कुणाल ने इस बीमारी के लिए सुरक्षा ही बचाव का एकमात्र रास्ता बताया.
सब्जी बाजारों में लॉकडाउन का उल्लंघन, विकल्प खोज रहा प्रशासन
लॉकडाउन पार्ट टू जारी है. झारझंड के जमशेदपुर में आम लोगों से लॉक डाउन का पालन करने को लेकर जिला प्रशासन हर संभव प्रयास कर रही है. इधर जमशेदपुर के अलग- अलग इलाकों में लगनेवाले सब्जी दुकानों को अस्थाई रूप से स्थानांतरित किया गया है, ताकि सामाजिक दूरी मेंटेंन कराया जा सके. वहीं जमशेदपुर अक्षेस की ओर से नियमित सब्जी विक्रेताओं के लिए पास जारी करने का निर्देश जारी किया गया है. इसके लिए अक्षेस की ओऱ से सूची तैयार कर ली गई है. इस संबंध में अक्षेस के सिटी मैनेजर ने बताया कि कुछ लोग जो नियमित सब्जी नहीं बेचते हैं, वे भी अनावश्यक रूप से बाजार में दुकान लगाकर भीड़ जुटा रहे है, इसको लेकर यह निर्णय लिया गया है. वैसे अक्षेस के इस निर्णय का दूसरे जिलों या शहर के दूर के व्यवसाइयों पर क्या असर पड़ेगा ये तो आनेवाला वक्त ही तय करेगा. क्योंकि जमशेदपुर मंडी से न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण इलाकों के साथ पड़ोसी जिला सरायकेला के भी सब्जी विक्रेता खरीददारी करने पहुंचते हैं. फिलहाल अक्षेस की ओर से इस दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया गया है.
कई लोग बहानें बनाकर निकल रहे है, क्या फायदा, यह तो आपकी ही सुरक्षा के लिए जरूरी है
कई लोग सड़कों पर कोई न कोई बहाना बनाकर निकल जा रहे है. इसका क्या फायदा है. यह तो लोगों की सुरक्षा के लिए ही जरूरी है कि लोग अपने घरों में रहे. लॉकडाउन कोई कानून नहीं है बल्कि यह बीमारी फैलने से रोकने के लिए लगाया गया रोक है, जिसको सबको मजबूरी ही सही लेकिन मानना ही होगा. हर व्यक्ति की सुरक्षा के लिए यह जरूरी कदम था, जिसको ल गाया जा रहा है. भारत छोड़िये, अमेरिका और चीन और स्पेन जैसे देशों में भी जब लॉकडाउन है तो हम लोग घनी आबादी का देश है, ऐसे में जरूरी है कि लॉकडाउन में रहे और इस कानून का पालन करें नहीं तो एक बार यह बीमारी फैल गयी तो लॉकडाउन बढ़ जायेगा और फिर यह बीमारी हमारी और आपकी भी जान ले सकता है और आपके बच्चे और परिवार भी इससे अछूता नहीं रहेंगे.
सिख समाज ने जनता से की अपील-पुलिस व स्वास्थ्यकर्मियों का करें सम्मान
झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड ने प्रदेश की सभी जनता से अपील की है कि जब भी उनके इलाके स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं पुलिस आती है तो वह उनका तालियों के साथ स्वागत करें. यदि आपके घर में है कोई फूल है तो उन्हें फूल भेंट करें अथवा पेड़ की डाली भेंट कर ही उनका स्वागत करें. वहीं बोर्ड ने लोगों से यह भी अपील की है कि जब उनके इलाके में बूथ लेवल ऑफिसर या अन्य विभागीय कर्मचारी कोरोना को लेकर सर्वे करने आए तो उनके साथ सहयोग करें. लेकिन यह भी याद रखें ना उन्हें वे अपने घर से किसी बर्तन में पीने के लिए पानी दे ना ही चाय दे क्योंकि इस समय में किसी के भी घर के बर्तन में खाना पीना किसी के लिए भी परेशानी का कारण बन सकता है. यह मत सोचिए कि यदि आपने चाय या पानी पिलाने का प्रस्ताव दिया और वे ठुकरा दे तो इसमें बुरा भी नहीं मानना है. ऐसे में सबसे अच्छा है कि तालियां बजाकर ही स्वागत करें. बोर्ड ने शहर के बड़े कारपोरेट हाउस एवं गैर सरकारी संगठनों के प्रति आभार प्रकट किया है जो जरूरतमंद परिवार तक सूखा राशन एवं भोजन पहुंचा रहे हैं. बोर्ड के अनुसार फिलहाल केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के आदेश का यह जैसे अनुपालन करना चाहिए और किसी प्रकार की टीका टिप्पणी से बचना चाहिए. शारीरिक रूप से दूरी बनाए रखनी है और हमें कोरोना को हराना है. बोर्ड ने लोगों से यह भी अपील की है कि वह अपने घर में ही मास्क बनाएं अथवा तोलिया गमछे का प्रयोग करें. बोर्ड ने सभी गुरुद्वारा कमेटियों का भी आभार प्रकट किया है कि उन्होंने वैशाखी गुरु पर्व का आयोजन नहीं कर केंद्र एवं राज्य सरकार का आदेश तथा श्री अकाल तख्त द्वारा जारी हुकुमनामें का पालन कर सराहनीय उदाहरण देश के समक्ष प्रस्तुत किया है. बोर्ड की उक्त बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा हुई और इसकी अध्यक्षता गुरचरण सिंह बिल्ला ने की. इसमें अपने विचार कार्यकारी अध्यक्ष शमशेर सिंह सोनी, महासचिव अमरजीत सिंह भामरा, गुरमीत सिंह, कुलविंदर सिंह पन्नू, जसबीर सिंह, सरबजीत सिंह, सुरजीत सिंह, त्रिलोचन सिंह आदि ने विचार रखे.