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jamshedpur-mgm-hospital-एमजीएम अस्पताल की दो घटना, आवारा कुत्तों को पकड़ने का शुरु हुआ अभियान, दूसरी घटना में लाश ले जाने का पैसा लेकर एंबुलेंस वाला भागा

जमशेदपुर : कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल है. वैसे तो यह अस्पताल सुर्खियों में बना रहता है. वैसे ताजा मामला अस्पताल में घर बना रखे आवारा कुत्तों का है. आपको बता दें कि इस अस्पताल में आवारा कुत्तों ने काफी आतंक मचा रखा था और इसी आतंक को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने जुस्कों को अस्पताल से आवारा कुत्तों को पकड़ने का अनुरोध किया था, जिसके बाद आज जुस्को के आवारा कुत्तों को पकड़नेवाली टीम एमजीएम  अस्पताल पहुंची. जहां टीम द्वारा पांच- छः आवारा कुत्तों को पकड़ा गया. वैसे टीम को देखते ही कुत्ते इधर- उधर भागने लगे. हालांकि टीम के सदस्यों ने काफी मेहनत कर कुत्तों को पड़ने का अभियान जारी रखा. आपको बता दें कि जुस्को इन आवारा कुत्तों के लिए बनाए गए सेंटर लेकर जाती है, जहां इनका नसबंदी कर पुनः उसी स्थान पर लाकर छोड़ देती है, जहां से इन्हों उठाया जाता  है.  ऐसे में सवाल ये उठता है, कि क्या यहां से उठाए गए कुत्तों को जुस्को वापस इसी स्थान पर लाकर छोड़ देगी ? इसका जवाब न तो कुत्ते पकड़ने पहुंची टीम के पास थी, न अस्पताल अधीक्षक के पास. बहरहाल अस्पताल से आवारा कुत्तों के आतंक से मरीजों को राहत जरूर मिली है.

कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल एक बार फिर से चर्चा में है. आपको बता दें कि यह अस्पताल मरीजों के इलाज के लिए कम बदइंतजामी और बदहाली के लिए ज्यादा सुर्खियों में रहता है. यहां मरीज एक बीमारी का ईलाज कराने पहुंचते हैं, साथ में कई दर्द लेकर जाते हैं. ताजा मामला जादूगोड़ा की एक महिला के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक के पैसे लेकर भागने का है. आपको बता दें कि कल जादूगोड़ा की एक महिला ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी, जिसके शव को ले जाने के लिए परिजनों ने अस्पताल में मौजूद एंबुलेंस चालक के सौदा किया, जिसके बाद एंबुलेंस चालक ने मरीज के परिजन से एक हजार रूपए बतोर पेशगी ली औऱ एंबुलेंस लाने की बात करते हुए ऐसा गायब हुआ कि परिजन ढूंढते रह गए और अंत तक वह नहीं पहुंचा. अंततः परिजन थककर दूसरे एंबुलेंस से शव को लेकर गए. वैसे यह कोई पहला वाकया नहीं है. इससे पूर्व भी इस अस्पताल में मरीज के परिजन एंबुलेंस चालक द्वारा ठगी के शिकार हो चुके हैं. इसपर अस्पताल प्रशासन कुछ भी कहने से बचती रही.

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