जमशेदपुर : जमशेदपुर (धालभूम) के अनुमंडल दण्डाधिकारी संदीप कुमार मीणा(भा.प्र.से) द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत (आम) निर्वाचन-2022 के निमित्त धालभूम अनुमण्डल के सभी पंचायत निर्वाचन क्षेत्रों में धारा-144 दं.प्र.सं के अन्तर्गत सामान्य निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया गया है. जारी आदेश में उन्होने कहा कि पूरे धालभूम अनुमण्डल क्षेत्र (अधिसूचित क्षेत्र समिति जमषेदपुर, नगर परिषद जुगसलाई तथा नगर निगम मानगो को छोड़कर) आदर्श आचार संहिता लागू है एवं धालभूम अनुमण्डल अन्तर्गत मतदान की तिथि तृतीय और चतुर्थ चरण क्रमश: दिनांक-24.05.2022 तथा 27.05.2022 को निर्धारित है. पंचायत चुनाव की घोषणा के पश्चात विभिन्न प्रत्याशियों यथा-वार्ड सदस्य/मुखिया/पंचायत समिति सदस्य/जिला परिषद सदस्य पद के प्रत्याशियों की गतिविधियों में वृद्धि हुई है. राजनीतिक प्रतिद्वन्दिता के कारण राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा लागू आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की सम्भावना बनी हुई है. असामाजिक तत्वों के द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया को बाधित करने की भी कोशिश की जा सकती है, जिससे सामाजिक तनाव बढ़ सकता है, शांति-व्यवस्था भंग हो सकती है तथा जान-माल की क्षति पहुंच सकती है.
उपरोक्त परिस्थिति को देखते हुए भय मुक्त, शांतिपूर्ण, विधि-व्यवस्था तथा निष्पक्ष मतदान सम्पन्न कराने के उद्देश्य से अनुमण्डल दण्डाधिकारी, धालभूम, जमशेदपुर द्वारा पूरे धालभूम अनुमण्डल क्षेत्राधिकार (अधिसूचित क्षेत्र समिति जमशेदपुर, नगर परिषद जुगसलाई तथा नगर निगम मानगो को छोड़कर) में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्न प्रकार से निषेधाज्ञा आदेश जारी किया गया है. चुनाव होने तक यह आदेश लागू रहेगा.
- कोई भी व्यक्ति, समूह अथवा अभ्यर्थी या राजनैतिक दल के सदस्य बिना सक्षम पदाधिकारी के पूर्वानुमति के जन सभा का आयोजन नहीं करेंगे। जन सभा आयोजन हेतु सक्षम पदाधिकारी के लिखित अनुमति अनिवार्य होगी तथा समक्ष पदाधिकारी के कार्यालय को मात्र सूचना प्रेषित करना पर्याप्त नहीं होगा.
- कोई भी व्यक्ति, समूह, अभ्यर्थी, राजनैतिक दल के सदस्य बिना सक्षम पदाधिकारी के पूर्वानुमति के जुलूस नहीं निकालेंगे। जुलूस निकालने के लिए सक्षम पदाधिकारी से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य होगा.
- दूसरे अभ्यर्थी/राजनैतिक दल द्वारा आयोजित जनसभा अथवा जुलूस में बाधा उत्पन्न करना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है.
- ऐसे स्थानों पर जहाँ किसी अभ्यर्थी/राजनैतिक दल के द्वारा जनसभा आयोजित की गई हो, वहाँ से जुलूस ले जाना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
- दूसरे अभ्यर्थियों के पुतले लेकर चलना अथवा जलाना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
- जुलूस में ऐसी वस्तुओं को लेकर चलना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है, जिनका इस्तेमाल प्रक्षेपास्त्र की तरह किया जा सकता है।
- कोई भी अभ्यर्थी या उनके सहयोगी ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे, जिससे की समाज के विभिन्न वर्गों के बीच तनाव उत्पन्न हो/वैमनस्यता बढ़े या मतभेद को बढ़ावा मिले।
- सभी प्रकार का धरना/प्रदर्षन को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है या किसी माँग को लेकर आम रास्ते को अवरुद्ध करने पर प्रतिबंध रहेगा।
- मतदाताओं को किसी प्रकार का प्रलोभन दिया जाना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
- मतदाओं के बीच जातीय अथवा धार्मिक भावनाओं के आधार पर प्रचार करना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
- किसी अभ्यर्थी/राजनैतिक दल के नेता व सदस्य के निजी जीवन पर किसी प्रकार का आक्षेप लगाया जाना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
- मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरूद्वारा या अन्य किसी धार्मिक पूजा स्थल पर किसी भी प्रकार का चुनाव प्रचार करना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
- कोई भी अभ्यर्थी या उनके सहयोगी द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग 06:00 बजे पूर्वाहन से 10:00 बजे अपराह्न समय सीमा के अन्दर सक्षम पदाधिकारी के पूर्व अनुमति प्राप्त करने के उपरान्त ही किया जा सकेगा एवं रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 06:00 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्र पर प्रतिबंध रहेगा।
- किसी भी वाहन पर ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग हेतु सक्षम पदाधिकारी की पूर्वानुमति अनिवार्य होगी।
- कोई भी वाहन मालिक/अभ्यर्थी बिना सक्षम पदाधिकारी के पूर्व अनुमति के अपने वाहन का उपयोग चुनाव प्रचार में नहीं करेंगे।
- किसी भी अभ्यर्थी या उसके सहयोगी द्वारा किसी भी प्रकार का षिलान्यास समारोह अथवा उद्घाटन समारोह आयोजित किया जाना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
- किसी भी अभ्यर्थी या उनके सहयोगी द्वारा षराब का वितरण करना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
- किसी भी सरकारी गेस्ट हाउस का किसी भी व्यक्ति अथवा अभ्यर्थी द्वारा कार्यालय अथवा जनसभा हेतु उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
- अनुज्ञप्ति षस्त्र, गड़ासा, लाठी-डंडा, भाला, तीर-धनुश, अग्नेषास्त्र, विस्फोटक पदार्थ आदि को लेकर चलना अथवा किसी भी प्रकार के खरीद-बिक्री को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
- किसी भी सार्वजनिक स्थान पर बैनर/झण्डा/पोस्टर अथवा दिवाल लेखन करना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
- किसी भी निजी सम्पत्ति पर बिना उसके मालिक के लिखित अनुमति के पूर्व पोस्टर चिपकाना अथवा दिवाल पर लिखना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
- एक स्थान पर पाँच व्यक्तियों से अधिक का एक जगह एकत्र होना या समुह बनाना प्रतिबंधित रहेगा। (हाट/बाजार या मेला में एकत्रित लोगों, मंदिर, मस्जिद या गिरजाघरों में उपासना करने के लिए आये लोगों और षव यात्रा, बारात में षामिल व्यक्तियों एवं विधि-व्यवस्था/निर्वाचन कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी/आरक्षी पदाधिकारी/आरक्षी बल को छोड़कर)
- नेपालियों द्वारा खुखड़ी धारण, सिक्खों द्वारा कृपाण धारण, षादी एवं ष्मषान घाट पर जाने वाली जुलूस एवं विधि-व्यवस्था/निर्वाचन कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी/आरक्षी पदाधिकारी/आरक्षी बल इस निशेधाज्ञा की परिधि से बाहर रहेंगे।
संपत्ति का विवरण की जानकारी देना
जमशेदपुर के एसडीओ (अनुमंडल पदाधिकारी, धालभूम) संदीप कुमार मीणा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2022 की अधिसूचना जारी होने की तिथि से जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुका है। सम्पत्ति का विरूपण रोकने के लिए निर्वाचन आयोग के आदेश के आलोक में एवं सम्पति विरूपण अधिनियम के तह्त निदेश दिये गए हैं. अनुमंडल पदाधिकरी, धालभूम द्वारा सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी/सभी अंचल अधिकारी/सभी थाना प्रभारी/सभी ओ0पी0 प्रभारी, धालभूम अनुमण्डल क्षेत्र, अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत उक्त निदेशों का सख्ती से अनुपालन कराना सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है। उन्होने जारी आदेश में कहा कि अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत अपने अधीनस्थ पड़ने वाले सभी भवनों/सड़कों/सार्वजनिक स्थलों पर पूर्व से किए गए विरूपण के मामले पाये जाते हैं तो उसे अविलंब हटवाने की कार्रवाई की जाय। साथ ही निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान इसकी जाँच कर साप्ताहिक प्रतिवेदन देते हुए सम्पत्ति का विरूपण करने वाले संस्था/दल/व्यक्ति/अभ्यर्थी के विरूद्ध समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है. - सम्पति विरूपण अधिनियम 1987 की धारा 3 के अनुसार सरकारी अथवा निजी भवनों पर उसके स्वामी के नाम एवं पत्ते के अतिरिक्त कुछ भी लिखा जाना सम्पति के विरूपण के दायरे में आएगा।
- किसी भी उम्मीदवार तथा उनके समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा किसी भी व्यक्ति के भूमि, भवन अहाते या दीवार का उपयोग झंडा/बैनर आदि लगाने का कार्य भवन मालिक की लिखित अनुमति के बगैर किया जाना वर्जित है। उक्त भवन, अहाते या दीवार पर चुनाव प्रचार हेतु नारे लिखना, चुनाव चिन्ह पेन्ट करना या पोस्टर चिपकाने का कार्य मकान मालिक की लिखित सहमति लेने के बाद भी नही किया जाना है।
- निजी भवन पर झंडा/बैनर आदि लगाने के निमित मकान मालिक की सहमति हेतु कोई अभ्यर्थी या उसका अभिकर्ता या उसका समर्थक किसी प्रकार का दबाव नही बनाएगा और न ही डराया या धमकाया जाएगा । यदि इस प्रकार की सूचना मिलती है या मामला संज्ञान में आता है तो उस अभ्यर्थी के विरूद्ध सम्यक रूप से तुरन्त कानूनी कार्रवाई की जायगी।
- कोई भी अभ्यर्थी या उसका समर्थक किसी सार्वजनिक स्थल, भवन, दीवार, खम्भे. वृक्ष आदि पर किसी भी प्रकार का झंडा, बैनर, पोस्टर नही लगाएगा एवं चुनाव संबंधी प्रचार-प्रसार, नारे, चिन्ह आदि नही लिखेगा। यदि इस प्रकार को कोई मामला प्रकाश में आता है तो उस अभ्यर्थी के विरूद्ध विधिसम्मत् त्वरित कार्रवाई की जायगी।
साईनबोर्ड, राजपथों/उच्च पथों पर दिशा दिखलाने वाले सूचकों अथवा अंतर्भेदी सड़कों के महत्वपूर्ण बिन्दुओं, मील के पत्थरों, रेलवे लेवल क्रॉसिंग पर सावधानी सूचक पटों, रेलवे प्लेटफार्म पर नाम पटिट्काओं, बस अड्डों या सर्वसाधारण की सुविधा हेतु प्रदर्शित किए गये अन्य सूचना पटों को भी ‘सार्वजनिक भवन’ अन्तर्गत सम्मिलित माना जायेगा। - मतदाताओं के बीच घूम-घूमकर पोस्टर/पर्ची आदि बांटे जा सकते हैं किन्तु मुद्रित पोस्टर/पर्ची/बैनर के नीचे (मुख्य पृष्ठ पर) प्रेस, जिसके माध्यम से मुद्रित कराया गया है, के नाम एवं पता का उल्लेख होना चाहिए। इसी प्रकार हस्तलिखित पोस्टर/पर्चा आदि के नीचे लिखने वाले का नाम पता का उल्लेख (मुख्य पृष्ठ पर) रहना चाहिए।
- अगर किसी अभ्यर्थी द्वारा सम्पति को विरूपित करने की कोई घटना प्रकाश में आती है तो ऐसी विरूपित सम्पति को उसके मूलरूप में वापस लाने का उत्तरदायित्व संबंधित अभ्यर्थी का होगा, जो अपने खर्च पर विरूपण को हटायेगा अथवा दूर करेगा।
- उपर्युक्त निदेशों की अवहेलना/उल्लंघन करने वाले अभ्यर्थियों/उनके समर्थकों पर विरूपण निरोध अधिनियम 1987 की धारा 3 एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 425, 426, 427, 433 एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 133 के अधीन कानूनी कार्रवाई की जायगी।