जमशेदुर : लॉक डाउन के दौरान बहुत ऐसे लोग है जो अपनी बीमारियों से परेशान है वैसे लोगो के लिए प्रधान आयकर आयुक्त (पीसीआइटी) अविनाश सहाय ने एक वीडियो के जरिये दिये गये सन्देश जारी करते हुए कहा है कि वे खुद पिछले दस सालो से गठिया के बीमारी से पीड़ित है. लेकिन इसके लिए उन्होंने एक उपाय भी साझा किया है जिसमे उन्होंने एक से तीस तक गिनती करते हुए सांस लेने और छोड़ने की बात बताई है. उन्होंने कहा है कि जब तीसवे बार सांस छोड़ते है उस वक्त थोड़े देर के लिए जब तक सम्भव हो उसी स्थिति में खुद को रखे. ऐसा करने से गठिया के दर्द में राहत मिलने की बात भी उन्होने बताई. ज्ञात हो कि गठिया रोग एक ऐसी अवस्था है जिसके होने से जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न आने लगती है.
इसके लक्षण आम तौर पर हाथ, पैर और कलाई को प्रभावित करते हैं. कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है जहाँ लक्षण बद से बदतर हो जाएँ, जिसे फ्लयेर-अप्स या फ्लेयर्स के नाम से भी जाना जाता है. ऐसे तो फ्लेयर्स का अनुमान लगाना मुश्किल होता है, लेकिन उपचार की सहायता से इन फ्लेयर्स की संख्या और फ्लेयर्स से हो रहे जोड़ों के नुकसान को लम्बे समय तक के लिये कम किया जा सकता है. गठिया रोग से प्रभावित कुछ लोगों को शरीर के अन्य भागों में समस्याओं का अनुभव या सामान्य तौर पर देखे जाने वाले लक्षण जैसे थकान और वजन में कमी का अनुभव भी होने लगता है. यदि आपको लगता है कि आप को गठिया रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिये ताकि वे असली कारण की पहचान कर सकें. गठिया रोग का निदान जल्द महत्वपूर्ण है क्योंकि जल्दी उपचार से बदतर हो रही हालत को रोका जा सकता है और जोड़ों को पहुँचने वाले जोखिम को कम करने में सहायता मिलती है. गठिया रोग एक स्व-प्रतिरक्षित रोग है. इसका मतलब है आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली – जो आमतौर पर संक्रमण से लड़ती है – गलती से उन कोशिकाओं पर हमला करती है जो आपके जोड़ों को पंक्तिबद्ध करती हैं, जिससे जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द होता है. इसी कारण कुछ समय के बाद, जोड़ों, नरम हड्डी और आसपास की हड्डी को नुकसान पहुँच सकता है. हालाँकि गठिया रोग का कोई इलाज नहीं है. किन्तु, गठिया रोग से ग्रसित कई लोगों को शीघ्र निदान और उचित उपचार से फ्लेयर्स को महीनों या वर्षों तक रोकने में सहायता मिली है. इससे उन्हें पूर्ण जीवन जीने और नियमित रोजगार जारी रखने में सहायता मिल सकती है. वैसे इस रोग के बारे में अविनाश सहाय द्वारा दिया गया सुझाव भी कारगर हो सकता है.