प्रकाश दास / गालूडीह : बड़ाखूर्शी पंचायत के बांधडीह गांव में रविवार को एक दुर्लभ वस्तु मिलने से आसपास क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि गांव के भजहरी बिषई के पुत्र मकरंजन बिषई को अपने घर के पशु रखने वाली जगह गोहाल में एक गोरोचन मिला है। मकरंजन बिषई ने बताया कि घर के देसी गाय ने उल्टी के द्वारा गोरोचन निकाला था। सुबह जब वे गाय को चारा खिलाने के लिए गोहाल गया तो देखा कि गाय के पास गोरोचन पड़ा हुआ है। गोरोचन मिलने के बाद उसे लाल कपड़े में लपेटकर एक नयी टोकरी में रखा गया है। परिवार वाले पूजा-पाठ करने में लगे हुए हैं। (नीचे भी पढ़ें)
युवक के परिजनों ने हर साल राखी पूर्णिमा के दिन विशेष पूजा-अर्चना करने की बात कही। जानकारी के अनुसार गोरोचन देसी गायों के मस्तक में बनता है। कुछ गाय कभी-कभी उसे उल्टी करके बाहर निकाल देती हैं। अधिकतर ऐसा भी होता है कि गाय की मृत्यु के पश्चात गोरोचन उसके शरीर के साथ ही नष्ट हो जाता है। कई बार उसका चमड़ा उतारने वालों को भी गोरोचन मिल जाता है। मान्यता है कि गोरोचन का प्रयोग अधिकांश वशीकरण व सम्मोहन के लिये तिलक के रूप में बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता है। सिध्द गोरोचन से तिलक करने से इष्टदेव की कृपा प्राप्त होती है और पितृ दोष समाप्त होता है और देव कृपा बनी रहती है।