गालूडीह: सालबनी स्थित जेकेएम कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट सांइस एंड कॉमर्स कॉलेज में मंगलवार को दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय सेमिनार का प्रारंभ किया गया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के संस्थापक डॉ यामिनी कांत महातो जी के मूर्ति पर माल्यार्पण कर किया एवं दीप प्रज्वलित करके किया गया. कार्यक्रम का मंच संचालन बिनिता भकत , रिमिल विश्वास, सोनाली भगत, मनीषा गोराई, मिट्ठू मिश्रा, शिल्पा कुमारी और राधा कुमारी ने किया. स्वागत भाषण डॉ मौसमी महातो के द्वारा प्रेषित किया गया. अंतराष्ट्रीय सेमिनार में सभी विद्वतजनों को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया. जेएनयू के डॉ छिन्न राव ने मुख्य वक्ता रहें. अंतराष्ट्रीय सेमिनार में ओनलाइन मोड पर डॉ नदिका दामयनति कलेनिया यूनिवर्सिटी श्रीलंका से जुड़ी हुई थीं . जिनका विषय था राष्ट्रवाद और संविधान निमार्ण कैसे किया जाता है.(नीचे भी पढ़े)
राष्ट्रवाद और संविधान निमार्ण विषय पर यमुना निरंजनी मैनडिस, राजनीति विभागाध्यक्ष कलेनिया यूनिवर्सिटी श्रीलंका से हाइब्रिड मोड में अपने टाॅपिक पर अपनी व्याख्यान दीऐं, सहायक प्रोफेसर सोमलया घोष और प्रोफेसर संजुकता बनधोपधाए राजनीतिशास्त्र विभागाध्यक्ष एस, आर फतेहपुर कॉलेज मुर्शिदाबाद, ने राष्ट्रवाद और धर्म पर अपनी व्याख्यान दीया. सत्येन्द्र कुमार सिंह, सीनियर जर्नलिस्ट हैदराबाद न्यू दिल्ली, शशीकानत पांडे अगारा यूनिवर्सिटी, हामिद रासूल गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी नोएडा से एवं प्रशांत कुमार ई.एफ.एल यूनिवर्सिटी हैदराबाद ,डॉ शिबू एमपी, एनएस एस कॉलेज पनडलम केरला से डॉ आशा नायर, पुष्कर बाला बीडीएस एल, महिला कॉलेज घाटशिला,एवं डॉ वी श्रीश्रा जेएनयूं नयी दिल्ली, सभी प्रोफेसर ने राष्ट्रवाद पर अपनी अपनी विचारधारा रखी. कई रिसर्च स्कॉलर के द्वारा पेपर प्रजेंट किया गया. जेकेएम कॉलेज की प्रोफेसर सुशांती कुमारी ने अपना पेपर प्रेजेंट किया एवं छात्रा कमल जीत कौर , विनिता भक्त, एवं सीमा तिर्की ने पेपर प्रेजेंट दिया. .(नीचे भी पढ़े)
राष्ट्रवाद एवं राजनीतिक हिंसा एवं संस्कृति विविधता एवं साहित्यिक आयाम पर विभिन्न महाविद्यालयों से आए हुए प्रोफेसरगणों ने अपनी व्याख्यान दीया. साथ ही विद्यार्थियों के द्वारा बहुत सारे प्रश्न पुछा गया और विद्यार्थियों को अपनें प्रश्न का उतर भी मिला. साथ ही इस महाविद्यालय के सभी व्याख्यातागण संजू राय डॉ माही मार्डी सुषमा अर्चना टोपनो, कविता धारा,दुली रानी मुर्मू, अनु मिश्रा, गीताश्री कालिंदी, विवेक कोइल, प्रमित शीट, स्वाति गुप्ता,डॉ शामल दास सेन ,डॉ पूनम कुमारी, बिनीता टुडू,देबोशमिता पॉल ,श्रीमन दास आदी का महत्वपूर्ण योगदान रहा.