चाकुलिया : चाकुलिया प्रखंड की कालापाथर पंचायत के कालापाथर गांव के बांधडीही टोला निवासी झारखंड आंदोलनकारी सह पूर्व मुखिया अंबर हांसदा का शनिवार सुबह देहांत हो गया. वह 104 वर्ष के थे. वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं. अंबर हांसदा के निधन की सूचना पाकर बहरागोड़ा के पूर्व विधायक सह भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी उनके घर पहुंचे और पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. श्री षाड़ंगी ने कहा कि जल्द ही कालापाथर-बांधडीही चौक पर स्व हांसदा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. उन्होने प्रशासन से मांग की है की उनके गांव वाले चौक का नामकरण अंबर हांसदा के नाम पर हो, ताकि समाज की युवा पीढ़ी उनकी जीवनी से प्रेरणा ले और उनके बताये मार्ग पर चल कर समाज का विकास कर सके. (आगे की खबर नीचे पढ़ें)
उन्होंने कहा कि वयोवृद्ध झारखंड आंदेलनकारी अंबर हांसदा का निधन पूरे क्षेत्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है. लंबे समय तक मुखिया के पद पर रह कर उन्होंने जनता की सेवा की है. वे विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी भी रहे. आज उनकी तीसरी पीढ़ी ज़िला पार्षद शिवचरण हांसदा के रूप मे जनता की सेवा में जुटे हुए है. कुणाल ने कहा कि आने वाली पीढ़ी उनके सामाजिक योगदान से प्रेरणा ले. ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें. उनके सम्मान में उनके गांव और चाकुलिया माटिहाना सड़क को जोड़ने वाले चौक पर उनकी प्रतिमा स्थापित होगी और प्रशासन से आग्रह किया है कि चौक का नामकरण स्वर्गीय अंबर हांसदा के नाम पर किया जाए. (आगे की खबर नीचे पढ़ें)
विदित हो कि आदिवासी समाज में स्व अंबर हांसदा ने अपनी कार्यशैली और व्यक्तिगत प्रभाव से अपनी एक अलग पहचान बनायी थी. अंबर हांसदा ने चाकुलिया के हवाई पट्टी निर्माण के समय अंग्रेज सरकार कार्यकाल में मुंशी का काम किया था और द्वितीय विश्व युद्ध के समय चाकुलिया की हवाई पट्टी से लड़ाकू विमान उड़ान भरती थी. वे लड़ाकू विमान की सुरक्षा में रात्रि प्रहरी का काम कर चुके थे. क्षेत्र में वह एक मात्र व्यक्ति थे जो चाकुलिया हवाई पट्टी से जुड़े द्वितीय विश्व युद्ध के गवाह के रूप में थे. अंबर हांसदा मुखिया बनकर समाज और क्षेत्र का विकास किया जिस कारण समाज में उनकी एक अलग पहचान बनी थी. उनके निधन की सूचना पाकर उनके आवास पर अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. मौके पर पार्षद शिवचरण हांसदा, गोपन परिहारी, ग्राम प्रधान विश्व मोहन टुडू, लालू हांसदा, देवनाथ हांसदा, ध्यानेश्वर मुर्मू, तन्मय दे समेत अन्य उपस्थित थे.