जमशेदपुर: सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी की वाणी है, ” एक ने कही, दूजे ने मानी, दोनों ब्रह्मज्ञानी ” को चरितार्थ लौहनगरी के स्टेशन रोड जुगसलाई गुरुद्वारा की संगत ने रविवार की सुबह श्री गुरु ग्रंथ साहिब के दरबार में किया.गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान महेंद्र पाल सिंह ने तीन साल का पहला कार्यकाल पूरे कर लिए थे और उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पवित्र हजूरी में संगत से माफी मांगी और किसी अन्य को सेवा देने का आग्रह किया और इसके साथ ही कार्यकारिणी भंग कर दी.(नीचे भी पढ़े)
22 साल प्रधान पद को सुशोभित कर चुके बुजुर्ग सरदार मोहन सिंह भाटिया ने परंपरा का हवाला दिया और संगत के बीच सरदार महेंद्र सिंह भाटिया का नाम अगले प्रधान के लिए प्रस्तावित कर दिया. इस प्रस्ताव का क्या नाम था कि पूरा दरबार, ” बोले सो निहाल सत श्री अकाल”, के खालसा नारे से गूंज उठा.
फिर क्या था सरदार मोहन सिंह भाटिया, समूह साध संगत ने सरदार महेंद्र पाल सिंह से विनती की और संगत का फैसला सुना दिया कि संगत उन पर भरोसा करती है और मुख्य सेवादार के तौर पर उन्हें सेवा अपनी जारी रखनी है.संगत का उत्साह एवं भारी समर्थन देख सरदार महेंद्र पाल सिंह भाटिया ने हाथ जोड़कर इसे स्वीकार किया और श्री गुरु ग्रंथ साहिब एवं संगत का शुकराना अदा कर संगत से सहयोग देते रहने की अपील की.(नीचे भी पढ़े)
तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब कंस्ट्रक्शन कमिटी के कोऑर्डिनेटर सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह ने प्रत्येक गुरुद्वारा की संगत से अपील की कि जिस तरह स्टेशन रोड की समूह संगत ने 2 मिनट में अपना प्रधान चुनकर इतिहास बनाया है उसी प्रकार अपना सेवादार चुनने के लिए पुरातन परंपरा का निर्वह करें और स्टेशन रोड की सिख संगत की तरह सर्वसम्मति से अपना-अपना प्रधान चुने. इस अवसर पर हरदीप सिंह, कमलजीत सिंह, नरेंद्र पाल सिंह, स्वर्ण सिंह लाला नरेंद्र सिंह, बलबीर सिंह, सत्यवीर सिंह, जरनैल सिंह, हरविंदर सिंह, गुरबचन सिंह, रविंदर सिंह, सुरेंद्र सिंह, हरजीत सिंह, टिप्पू रघुवीर सिंह, रोमी सिंह राजेंद्र पाल सिंह, बलविंदर सिंह, सुखदेव सिंह समेत कई अन्य लोग उपस्थित थे