जमशेदपुर: विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को मनाया जाएगा. आदिवासी दिवस को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी आदिवासी छात्र एकता जुट गयी है. गोपाल मैदान में होने वाले समारोह में आदिवासी संस्कृति की छटा लोगों को मंत्र-मुग्ध करने का प्रयास करेगा. साथ ही आदिवासियों की समस्याओं को भी पूरजोर तरीके से उठाने का काम किया जायेगा. यह जानकारी आदिवासी छात्र एकता की ओर से आयोजित प्रेसवार्ता में संयोजक इंदर हेंब्रम ने दी. वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी विश्व दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से 1950 में की गयी थी.(नीचे भी पढ़े)
तब से ही इसका आयोजन किया जा रहा है. गोपाल मैदान में आयोजित समारोह में अलग-अलग क्षेत्रों से नृत्य मंडली और गायकों की मंडली भी पहुंचेगी. इस दौरान बेहतर कला का प्रदर्शन करने वाले कलाकारों और उनकी टीम को पुरस्कृत करने का भी काम किया जायेगा.विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित समारोह में वक्ता मुख्य रूप से इस दिवस पर सरकारी छुट्टी देने, 2023 की जनगणना में सरना कोड देने की मांग पर अपने विचार व्यक्त करेंगे.विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित होने वाला पाता नृत्य लोगों को अपनी ओर खींचने का प्रयास करेगा. इसको सफल बनाने के लिये मयूरभंज के डिंगोर ढिपचुई, खेलाराम मार्डी और कोल्हान कोयल चांदनी पाड़े भी शरीक होंगे. प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से हेमेंद्र हांसदा, अध्यक्ष स्वपन सरदार, राज बांकिरा, लालमोहन जामुदा, चांदराय मार्डी, घाडुसिंह, राकेश हांसदा आदि मौजूद थे.