देवघर : कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को देवघर में पार्टी प्रत्याशी प्रदीप यादव के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मोदी भगाओ का नारा दिया. उन्होंने कहा कि देश की आजादी से भी पहले संथाल परगाना के सिद्धू-कान्हू ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन चला कर ‘अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो’ का नारा दिया था, क्योंकि अंग्रेजों ने उनके जल, जंगल और जमीन हड़पने की कोशिश की थी. श्री खड़गे ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन हड़प कर अपने गिने-चुने पूंजीपतियों को सौंपने में लगे हैं. इसके खिलाफ पूरे देश में मोदी हमारी माटी छोड़ो का नारा गूंज रहा है. श्री खड़गे ने प्रधान मंत्री पर प्रहार करते हुए कहा कि वे हमेशा पूछते हैं कि कांग्रेस ने अपने 55 वर्षों के शासन में क्या किया. उन्होंने कहा कि हम अपने 55 वर्षों का हिसाब देंगे, किन्तु आप पहले अपने दस वर्ष के कार्यों का हिसाब दीजिये कि आपने क्या किया. उन्होंने कहा कि पं जवाहरलाल नेहरू के जमाने में जितने सरकारी उपक्रम बने, मोदी आज उन्हें अपने दोस्त पूंजीपतियों के हाथों बेचने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि आज हमें सबसे बड़ी लड़ाई देश के संविधान को बचाने की लड़नी है. (नीचे भी पढ़ें)
श्री खड़गे ने मोदी सरकार को घोटालों की सरकार बताते हुए कहा कि यह सरकार न महंगाई पर ध्यान दे रही है और न बेरोजगारी या गरीबों, दलितों की समस्याओं का ख्याल कर रही है. मोदी सरकार के लिए उसके गिने-चुने पूंजीपतियों की सुविधा ही सबसे अहम है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पांच न्याय एवं 25 गारंटियों की बात अपने चुनाव घोषणा पत्र में की है. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की सरकार आते ही महिलाओं को हर साल एक लाख रुपये दिये जायेंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड-बिहार सहित पूरे देश में लाखों पद रिक्त पड़े हैं, लेकिन युवाओं को ये नौकरियां नहीं मिल रही हैं. इंडिया गठबंधन की सरकार आते ही अगस्त महीने से बहालियां शुरू कर दी जायेंगी. (नीचे भी पढ़ें)
झारखंड की चर्चा करते हुए श्री खड़गे ने कहा कि पूरे देश में एकमात्र आदिवासी सीएम झारखंड में ही था, जिसे जेल में डाल कर पीएम मोदी चुनाव करा रहे हैं, लेकिन झारखंड की जनता उनसे इसका बदला लेगी. उन्होंने पीएम मोदी को आदिवासी-मूलवासियों, गरीबों व दलितों का विरोधी बताते हुए कहा कि मोदी इनका भला कर ही नहीं सकते, वे सिर्फ आदिवासियों को फंसाने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं किया, वैसे ही नये संसद भवन के उद्घाटन के समय भी राष्ट्रपति को दलित-आदिवासी होने के कारण नहीं बुलाया. उन्होंने क्षेत्र के आदिवासियों का इससे एकजुट होकर लड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि यूपीए सरकार में आदिवासियों के लिए किये गये प्रावधानों को मोदी सरकार खत्म कर रही है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में बने वन अधिकार अधिनियम को कमजोर कर एवं आदिवासी भूमि पूंजीपतियों को सौंपने के लिए क्षेत्र के लोगों की अनिवार्य सहमति का प्रावधान खत्म करने का आरोप लगाया एवं लोगों का इसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने के लिए आह्वान किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने सरना धर्मकोड लागू करने का आश्वासन दिया है, हमारी सरकार आने पर उसे हम कर के रहेंगे.