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Jharkhand dgp meeting : झारखंड के डीजीपी ने की सभी ज़िलें के एसएसपी और एसपी के साथ अहम बैठक, अपराध और नक्सलवाद पर जोरदार चोट करेंगी पुलिस

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रांची : लोकसभा चुनाव के बाद झारखंड राज्य पुलिस विधि- व्यवस्था को लेकर नए सिरे से एक्शन प्लान तैयार करने में जुट गई है. सोमवार को पुलिस मुख्यालय सभागार में महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड की अध्यक्षता में राज्य के सभी प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, क्षेत्रीय पुलिस उप- महानिरीक्षक, वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षकों तथा ईकाईयों के अन्य वरीय पदाधिकारियों के साथ राज्य में विधि- व्यवस्था संधारण, अपराध नियंत्रण तथा नक्सलियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियानों पर समीक्षा बैठक आयोजित की गई. सर्वप्रथम पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड ने राज्य में शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव- 2024 सम्पन्न कराने पर सभी पुलिस पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी. बैठक में महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड द्वारा महत्वपूर्ण विषयों पर यथा विधि- व्यवस्था, वारंट का कार्यान्वयन, अन्वेषणों की अद्यतन स्थिति, अपराध नियंत्रण, पोक्सो अधिनियम से संबंधित मामलों का अनुश्रवण, सर्टिफिकेट केस की अद्यतन स्थिति, अवैध खनन, अवैध मादक पदार्थ/ शराब, पुलिस अवसंरचना संबंधी मुद्दे, राइट ऑफ़ वे मुद्दे, योजनाओं के क्रियान्वयन में विधि- व्यवस्था से संबंधित मामले, वन एवं भू- राजस्व से संबंधित मामले, जो पुलिस गतिविधि को प्रभावित करते हैं, झारखण्ड के जेपीएससी, जेएसएससी परिक्षाओं के आयोजन में विधि- व्यवस्था तथा अन्य अपराधों एवं उसके निष्पादन पर विमर्श किया गया तथा आवश्यक दिशा- निर्देश दिये गये. (नीचे भी पढ़ें)

राज्य में माओवादियों के शरण स्थली को चिन्हित कर संयुक्त अभियान चलाएं बैठक में हाल के दिनों में नक्सलग्रस्त क्षेत्रों में काफी कमी आई है. राज्य के पुलिस एवं केन्द्रीय बलों की सराहना करते हुये नक्सल उन्मूलन पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई. उन्होंने बचे हुये माओवादियों के विरूद्ध ठोस रणनीति बनाकर कारगर अभियान चलाने पर बल दिया गया, साथ ही उक्त क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर सटीक आसूचना संकलित करते हुए नक्सलियों के विरूद्ध कारगर अभियान चलाने पर जोर दिया. बताया कि झारखण्ड पुलिस केन्द्रीय बलों से ताल- मेल के साथ नक्सलियों के विरूद्ध ठोस रणनीति बनाकर लगातार योजनाबद्ध अभियान चला रही है. पुलिस महानिदेशक ने राज्य में उग्रवादियों के खात्मे के लिए उनपर चौतरफा कार्रवाई जारी रखने का निर्देश दिया. झारखण्ड पुलिस एवं केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल कुशल नेतृत्व, रणनीति और दृढ़संकल्प के साथ नक्सलियों के खात्मे के लिए लगातार प्रयासरत है. वामपंथी उग्रवाद परिदृश्य की समीक्षा और चल रहे अभियान, उग्रवादियों की चल/अचल संपत्तियों की जप्ती के प्रस्तावों की स्थिति, फरार नक्सली कमांडरों के खिलाफ इनाम घोषणा के प्रस्तावों की स्थिति, माओवादियों के शरण स्थली को चिन्हित कर वहां तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया. (नीचे भी पढ़ें)

विधि- व्यवस्था, वारंट का कार्यन्वयन, अन्वेषणों की अद्यतन स्थिति महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड ने सभी पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस उप- महानिरीक्षकों, वरीय पुलिस अधीक्षकों एवं सभी पुलिस अधीक्षकों को अपराध नियंत्रण हेतु संगठित आपराधिक गिरोहों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने, आपराधिक गिरोहों के फिरार अपराधकर्मियों को हर हाल में गिरफ्तार कर अपराध पर लगाम लगाने, सहित अधिक अवधि के लंबित काण्डों का त्वरित गति से निष्पादन करने पर जोर दिया. इसके अलावे प्रतिवेदित एवं निष्पादित काण्डों, वारंट कुर्की के निष्पादन की समीक्षा करते हुए अद्यतन स्थिति के संबंध में जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा- निर्देश दिये. उन्होंने सक्रिय आपराधिक गिरोहों पर लगाम लगाने के लिए राज्य के सभी जिलों में अपराधिक गिरोहों एवं उनके सदस्यों की सूची तैयार कर फिरार अपराधकर्मियों को यथाशीघ्र गिरफ्तार करने एवं जेल में बंद अपराधकर्मियों पर निगरानी रखने एवं फिरार अपराधकर्मियों के विरूद्ध नियमानुसार पुरस्कार की घोषणा करने का निर्देश दिया. जमानत पर छूटे अपराधकर्मियों के वर्तमान गतिविधि पर लगातार निगरानी रखते हुये सीसीए के प्रावधानों के तहत कार्रवाई, संगठित आपराधिक गिरोह के फिरार सदस्यों को हर हाल में गिरफ्तारी सुनिश्चित करने, अंतरजिला / अन्तर्राज्यीय आपराधिक गिरोहों के सदस्यों पर नकेल कसने के लिये क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक को विशेष रूप से निर्देशित किया गया. उन्होनें सक्रिय अपराध कर्मियों के विरुद्ध सीसीए के तहत किस जिले से कितने प्रस्ताव भेजे गये, कितने अप्रूव हुए एवं कितने पेंडिंग हैं, की जानकारी ली. वैसे अपराधी जो बार- बार अपराध करते हैं उसे चिन्हित करते हुये विधिसम्मत कठोर कार्रवाई करने पर जोर दिया गया. आरोपित अपराध कर्मियों का दागी पंजी में नाम दर्ज कर उनपर लगातार निगरानी रखने का निर्देश दिया. इस बैठक में महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड द्वारा राज्य में अपराध नियंत्रण हेतु संगठित आपराधिक गिरोहों के सरगना एवं उसमें शामिल सदस्यों को चिन्हित करते हुये सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. ज्ञात हो कि विगत वर्षों में गंभीर अपराध शीर्ष में हुई घटनाओं की तुलना में वर्ष 2024 में डकैती, छिनतई, अपहरण, रंगदारी हत्या, पोक्सो एक्ट एवं गृहभेदन के काण्डों में कमी आयी है. बैठक में राज्य के पोक्सो एक्ट के लंबित काण्डों में यथाशीघ्र तय समय सीमा के अंदर आरोप पत्र समर्पित करना सुनिश्चित करने एवं सर्टिफिकेट केस में निर्गत वारंट का तामिला करने तथा फलाफल से अवगत कराने पर विशेष बल दिया. वारंट के निष्पादन हेतु झारखण्ड पुलिस द्वारा किये गये त्वरित कार्रवाई से उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की गयी है.

अवैध खनन, अवैध मादक पदार्थ, अवैध शराब पर पूर्णतः रोक लगाने का निर्देश पुलिस महानिदेशक ने क्षेत्र के सभी जिलों में अपराध नियंत्रण हेतु की गयी कार्रवाई की अद्यतन जानकारी भी प्राप्त की. संगठित रूप से किये जाने वाले अवैध उत्खनन (यथा- कोयला, आयरन और बालू एवं पत्थर) पर पूर्णत रोक लगाने एवं उसपर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने ड्रग्स (नारकोटिक्स) नेटवर्क एवं अवैध शराब व्यवसाय से जुड़े अपराधकर्मियों का पता करते हुए आखिरी संलिप्त अपराधकर्मी तक पहुँच कर उनके विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने, राज्य में अवैध उत्खनन पर प्रभावी रोक लगाने हेतु गठित टास्क फोर्स द्वारा लगातार छापामारी करने तथा एनडीपीएसएक्ट के तहत प्रतिवेदित काण्डों की संख्या, अफीम की खेती के विनष्टीकरण एवं तस्करों के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई, उसके तहत की गई गिरफ्तारी और बरामदगी के संदर्भ में जानकारी ली तथा उसकी रोकथाम के लिये बनाये गये रोडमैप के क्रियान्वयन एवं अवैध शराब की रोकथाम हेतु की गई कार्रवाई, प्रतिवेदित काण्डों की संख्या, अवैध शराब से संबंधित गिरफ्तारी, देशी एवं अन्य शराब की बरामदगी तथा अवैध शराब के विनिष्टिकरण हेतु मानक बिंदुओं का अनुपालन कराने हेतु जिला स्तर पर पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया.

बैठक में महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक ने पुलिस मुख्यालय के समय- समय पर दिये गये निर्देशों का अक्षरशः एवं ससमय अनुपालन किये जाने का निर्देश दिया. पुराने लंबित काण्डों एवं राज्य में महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराध यथा- बलात्कार, पोक्सो एवं महिला उत्पीड़न के काण्डों का त्वरित गति से निष्पादन करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में डायन प्रथा जैसे कुरूतियों को दूर करने के लिए ग्रामीणों के बीच जागरूकता फैलाने पर जोर दिया. महानिदेशक ने एक जुलाई से लागू होने वाली नई भारत न्याय संहिता के कियान्वयन के क्रम में आने वाली चुनौतियों के मद्देनजर विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया.

इस बैठक में पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह के अलावे अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) आरके मल्लिक, अपर पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक (अभियान) डॉ० संजय आनन्दराव लाटकर, अपर पुलिस महानिदेशक (आधुनिकीकरण) श्रीमती सुमन गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) मनोज कौशिक, पुलिस महानिरीक्षक (मानवाधिकार) अखिलेश झा, पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) अमोल विनुकांत होमकर, पुलिस महानिरीक्षक (विशेष शाखा) प्रभात कुमार, पुलिस महानिरीक्षक (अप. अनु. वि) असीम विक्रांत मिंज, पुलिस महानिरीक्षक पंकज कम्बोज, पुलिस महानिरीक्षक नरेन्द्र कुमार, पुलिस महानिरीक्षक, पलामू एवं सभी क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक, वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया.

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