रांची: झारखंड में अवैध उत्खनन मामले की जांच अभी जारी है जिसमें प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हर दिन नए खुलासे किया जा रहा है. इसी क्रम में प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा करते हुए कहा कि रघुवर सरकार के समय प्रेम प्रकाश की कंपनी ने बिना चालान के 233 रेलवे रैक में स्टोन चिप्स भेजे है. बीते दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध उत्खनन की बात पिछले दिनों अपने चार्जशीट में कही थी जिसमे प्रेम प्रकाश, पंकज मिश्रा के अलावा कोलकाता के व्यवसायी संजय चौधरी और अमित अग्रवाल शामिल होने की जानकारी दी थी. प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि सीटीएस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (यू24117डब्लयूबी2033पीएलसी111345) के निदेशक मंडल में संजय चौधरी भी निदेशक के रुप में शामिल है जो लंबे समय से रेलवे रैक में स्टोन चिप्स के परिवहन का काम करता है. सीटीएस कंपनी के अलावा बीएससीआई, एसवीवाईई, एडीटीजी और कुछ अन्य कंपनियों को भी अवैध उत्खनन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शामिल किया गया है जिन्हें सीटीएस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी के रुप में माना जाता है. (नीचे भी पढ़े)
प्रवर्तन निदेशालय ने वित्त वर्ष 2015-16 से 2022-23 के दौरान सीटीएस इंडस्ट्रीज और अन्य के द्वारा रेलवे के माध्यम से ढुलाई किए गए स्टोन चिप्स का विवरण प्रस्तुत किया है इन विवरणों में बताया गया है कि यह ढुलाई बिहार के पीरपैंती रेलवे स्टेशन की जाती रही है जो कि साहिबगंज के पास स्थित है. इस दौरान सीटीएस इंडस्ट्रीज और अन्य द्वारा स्टोन चिप्स की ढुलाई के लिए 268 रेलेव रैक बुक किए गए जिनमें 251 रैक बिना चालान के भेजे गए. यह सब कुछ रघुवरदास के कार्यकाल में हुआ जो 28 दिसंबर 2014 से 29 दिसंबर 2019 तक झारखंड के मुख्यमंत्री थे.
प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत में पेश किए गए अपने रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2015-2016 से 2019-20 तक सीटीएस और अन्य ने 233 रेवले रैक में स्टोन चिप्स भेजे गए जिसमें किसी भी रेलवे रैक का कोई चालान नही था. वित्त वर्ष 2018-19 में सबसे अधिक 117 रैक बुक किए गए जिनका भी कोई चालान नहीं था. 2015-16 में सीटीएस इंडस्ट्रीज और बीएससीआई द्वारा कुल 16 रेक बुक किए गए जिसमें भी बिना चालान के स्टोन चिप्स भेजे गए. अगले वित्तीय वर्ष में केवल एक ही रैक बुक हुआ जिसका भी कोई चालान नहीं था. 2017-18 में सीटीएस इंडस्ट्रीज ने एडीटीजी के साथ मिलकर 31 रैक बुक किया और उनके द्वारा भेजा गया. 2018-2019 में सीटीएस इंडस्ट्रीज और एसवीवाईई के नाम से बुक हुआ जिसमें 68 रैक बुक किया गया. (नीचे भी पढ़े)
इस तरह से बिना चालान के भेजे गए रेलवे रैको से सरकार को लगभग 1000 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ. प्रवर्तन निदेशालय ने आगे बताया कि प्रेम प्रकाश और संजय चौधरी एक साथ मिलकर अवैध खनन के काम को अंजाम दे रहे है. इन दोनों के पास के कई करोड़ रुपये मिले. प्रेम प्रकाश के साथ अवैध खनन के कारोबार में पंकज मिश्रा और अन्य लोग भी शामल हुए जिनसे प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि इन लोगों के अपने अवैध गतिविधियों और बाहरी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जमकर राजनीतिक पहचान का इस्तेमाल किया साथ ही इन लोगों के प्रशासन को भी अपने साथ मिला कर रखा.