रांची: झारखंड में बिजली संकट गहराने के बाद बिजली आपूर्ति में कमी आई है. राज्य में करीब 600 मेगावाट तक की लोड शेडिंग करनी पड़ रही है. राज्य में यह हालत सोमवार शाम साढ़े सात बजे के बाद पैदा हुई. राज्य में सोमवार को 1800 मेगावाट बिजली की औसत मांग रही पर संकट गहराने के कारण करीब 100 से 600 मेगावाट लोड शेडिंग करनी पड़ी. यह स्थिति देर रात तक बनी रही. सूत्रों के अनुसार सोमवार शाम राष्ट्रीय ग्रिड की फ्रिक्वेंसी 50 से घटकर 49.4 हर्टस हो गई. ऐसा किसी राज्य के तय कोटा से अधिक बिजली खींचने के कारण होता है. ग्रिड पर आए संकट को देखते हुए नेशनल लोड डिस्पैच्ड सेंटर ने राज्यों को कोटे से अधिक बिजली नहीं लेने का निर्देश दिया. ऐसे में झारखंड ने 100 से 600 मेगावाट की लोड शेडिंग की, जिसके चलते रांची सहित विभिन्न शहरों और ग्रामीण इलाकों में बिजली की किल्लत हुई. राष्ट्रीय ग्रिड बिजली लाइनों का विशाल नेटवर्क है. इससे उत्पादित बिजली का देश भर में संचरण और फिर वितरण किया जाता है और उत्पादित बिजली ग्रिड से ही राज्यों के साथ हुए करार के अनुसार बिजली आपूर्ति की जाती है परन्तु राज्य द्वारा अनुशासन तोड़ने पर ग्रिड फेल होने का संकट बनता है. रांची में सोमवार को हुई बारिश के बाद शाम में अचानक बिजली की आंख मिचौली का खेल शुरु हो गया. बिजली की कटौती का असर राजधानी के आधे हिस्से में दिखा. शहर के विभिन्न इलाके के दर्जनों मोहल्ले में एक से दो घंटे तक बिजली गुल रही. यह समस्या तेनुघाट थर्मल पावर की एक यूनिट बंद होने के कारण हुई. रांची में अचानक बिजली की मांग बढ़ने और खपत ज्यादा होने से बिजली की कटौती शुरू हुई . इसी दौरान सिकीदिरी हाइडल प्लांट को रुक्का से कम पानी मिलने के कारण पिक आवर में उत्पादन ठप हो गया और रांची को 170 मेगावट कम बिजली मिली इससे नामकुम ग्रिड और हटिया व कांके ग्रिड को कम बिजली मिली. इस कारण देर शाम तक आधी रांची में लोड शेडिंग कर बिजली की आपूर्ति की गई. जिसकी वजह से राजधानी के कई इलाकों में घण्टो अंधेरा पसरा रहा. झारखंड ऊजार् संचरण निगम लिमिटेड के जीएम मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि तेनुघाट की एक यूनिट बंद हो गई है और सिकीदिरी प्लांट भी कम पानी मिलने की वजह से बन्द हो गया. जिससे पिक आवर में 160-170 मेगावट कम बिजली रांची को मिल रही है. हम लोग प्रयास कर रहै हैं कि स्थिति जल्द सामान्य हो ऐसा प्रयास हम लोगों के द्वारा किया जा रहा है.