गिरिडीह: बिहार में 10-12 दिनों के अंतराल में पांच पुल गिरने की खबर है. ताजा एक मामला झारखंड में आया है कि वहां पर भी पुल का गर्डर टूट गया है. झारखंड के गिरिडीह जिले के अरगा नदी पर बन रहा पुल मानसून की पहली बारिश नहीं झेल पाया. बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ा और तेज बहाव के कारण निर्माणाधीन पुल का गर्डर टूटकर गिर गया. साथ ही पुल का एक पीलर भी टेढ़ा हो गया है. (नीचे भी पढ़े)
विदित हो कि गिरिडीह जिले के फतेहपुर- भेलवाघाटी सड़क से दूर हटकर डुमरीटोला व कारीपहरी गांव के बीच अरगा नदी पर 5.5 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण हो रहा था. यह काम ओम नम: शिवाय कंस्ट्रक्सन द्वारा कराया जा रहा था. इधर पुल का गर्डर टूटकर गिरने से निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे है. मिली जानकारी के अनुसार शनिवार देर शाम को गिरिडीह व आस पास के इलाके में मूसलाधार बारिश हुई थी. लगातार बारिश के कारण अरगा नदी का जलस्तर बढ़ गया. नदी में पानी के तेज बहाव के कारण निर्माणधीन पुल का गर्डर टूट कर गिर गया.(नीचे भी पढ़े)
इसके बाद आस पास के लोगों को किसी अनहोनी की तेज आवाज सुनायी दी. आस पास के सभी लोग सहम गए थे. किसी को कुछ समझ नही आ रहा थी कि आखिर क्या हुआ है. बादमें पता चला कि निर्माणाधीन पुल का गर्डर टूट कर गिर गया है. साथ ही साथ पुल का एक पिलर भी टेढ़ा हो गया. अब सवाल उठता है कि करोड़ की लागत से बन रहे पुल की गुणवत्ता का ख्याल क्यों नहीं रखा जाता है. संवेदक को सिर्फ काम खत्म कर देना है, काम किसी प्रकार से हो, इनका इससे कुछ लेना देना नहीं है. आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है.