रांची : झारखंड राज्य के सरकारी स्कूलों में संचालित बाल संसद में स्कॉलरशिप मंत्री पद का सृजन किया जा रहा है. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री दीपक बिरुआ के आदेश के उपरांत उपरोक्त पदों का सृजन हो रहा है, ताकि बच्चे छात्रवृत्ति को लेकर जागरूक हो सकें. ऐसी ही एक मंत्री बनी है जानकी कुमारी. पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली जानकी अब बच्चों को छात्रवृत्ति के लिए जागरूक कर रही है. वह यह सुनिश्चित करती है कि उसके विद्यालय के सभी बच्चों को छात्रवृत्ति प्राप्त हो. ऐसे ही सभी सरकारी विद्यालयों में जानकी जैसे बच्चों को छात्रवृत्ति मंत्री पद पर नियुक्त किया जा रहा है. इससे पूर्व मंत्री दीपक बिरुआ ने जिला के उपायुक्तों को स्कूल स्तर पर कैम्प लगाकर मिशन मोड में सभी छात्र- छात्राओं का आधार कार्ड बनाने, आधार कार्ड को बैंक खाता से जोड़ने, केवाईसी कराने, ऑनलाइन जाति और आय प्रमाण पत्र बनाने का कार्य संपन्न करने का निर्देश दिया है.(नीचे भी पढ़े)
स्कॉलरशिप मंत्री की ये है जिम्मेवारी
विभिन्न विद्यालयों में बनाए जा रहे स्कॉलरशिप मंत्री को सभी छात्रों के लिए पात्रता मानदंड, आवेदन की अंतिम तिथि और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में सटीक और अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराना होगा. उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि उनके स्कूल के सभी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति आवेदन पूरा हो. प्रधानाचार्यों से भी फॉलोअप करना होगा, ताकि किसी अस्वीकृति के बारे में पता चल सके और फिर सुधारात्मक उपाय किए जा सकें. योग्य छात्रों की पहचान करने और यह सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों और स्कूल प्रशासन के साथ मिलकर काम करना है, ताकि विद्यार्थी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करें. आवेदन प्रस्तुतियों का ट्रैक रिकार्ड रखना और छात्रों के साथ फॉलोअप कर प्रक्रिया को पूरा करना भी कार्य दायित्व में शामिल है.