Home खबर

Jharkhand-municipal-election-preparation : झारखंड में कभी भी बज सकती है नगर निगम चुनाव की रणभेरी, दांव-पेंच की जुगत में जुटे संभावित प्रत्याशी

जमशेदपुर : राज्य में नगर निगम चुनाव की रणभेरी कभी भी बन सकती है. प्रशासनिक कवायद जारी है. उधर संभावित प्रत्याशी दांव-पेंच लगाने की जुगत में भिड़ गए हैं. वहीं वर्तमान प्रत्याशी भी 5 साल के लेखा-जोखा के आधार पर दावेदारी करने में जुटे हैं. धड़ाधड़ योजनाओं का शिलान्यास जारी है. योजना धरातल पर कब उतरेगी, उतरेगी भी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं. अचानक नगर निगम जाग गया है. योजनाओं से सम्बंधित वार्ड पार्षदों के फोटो शिलापट्ट का अनावरण करते मीडिया की सुर्खियां बनी हुई है. डबल इंजन की सरकार से शुरू हुआ सफर कैसा रहा इस पर एक विशेष रिपोर्ट. (नीचे भी पढ़ें)

वैसे तो राज्य के सभी शहरी निकायों में चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है. राज्य निर्वाचन आयोग कभी भी इसकी अधिसूचना जारी कर सकती है. आदित्यपुर नगर निगम का चुनाव बेहद ही अहम माना जा रहा है. 15 साल पूर्व नगर परिषद से शुरू हुआ सफर नगर निगम तक जारी है. यहां कि जनता ने डबल इंजन की सरकार के भरोसे भाजपा पर आस्था जताते हुए मेयर और डिप्टी मेयर का इस उम्मीद से चयन किया कि निगम में विकास की गंगा बहेगी. 5 साल बाद विकास की गंगा बही तो नहीं, बल्कि गंगा मैली हो गई. 15 साल पूर्व जिस सीवरेज- ड्रेनेज, पाइप लाइन के मुद्दों पर चुनाव लड़ा गया आज भी वही मुद्दा बरकरार है. ना तो सीवरेज ड्रेनेज बना ना ही पाइपलाइन के जरिए घरों में पानी पहुंचा. (नीचे भी पढ़ें)

हां इतना जरूर हुआ कि पूरे नगर निगम क्षेत्र को सीवरेज- ड्रेनेज और पाइप लाइन के नाम पर नरक में तब्दील कर दिया गया. ढाई लाख की आबादी धूल फांकने को विवश रही. पार्षद किंकर्तव्यविमूढ़ इस उम्मीद से रहे कि बोर्ड बैठक में उनकी बातों को सुनी जाएगी मगर पूरे 5 साल पार्षद चीखते- चिल्लाते रहे मगर उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं मिला. कई मौकों पर पार्षदों को बोर्ड बैठक का बहिष्कार और विरोध करते भी देखा गया, मगर बाद में सब कुछ मैनेज हो गया. अब चूंकि परीक्षा सर पर है. ऐसे में एक बार फिर से संभावित प्रत्याशियों और वर्तमान जनप्रतिनिधि अपने- अपने तरीके से तैयारी में जुट गए हैं. वैसे वर्तमान जनप्रतिनिधियों के लिए सत्ता बचाना आसान नहीं होगा. वहीं लोगों की नाराजगी के कारण उपजे अविश्वास के भाव को पाटना नए प्रत्याशियों के लिए भी आसान नहीं होगा. फिलहाल बिसात बिछ रही है शह और मात का फैसला इसबार जनता के लिए भी आसान नहीं होगा.

NO COMMENTS

Leave a ReplyCancel reply

Floating Button Get News On WhatsApp

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Exit mobile version