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jharkhand proud father – जमशेदपुर के डीएसपी के इस भावुक पोस्ट ने गौरांवित पिता को दर्शाया, हर कोई हुए भावुक, पिता ने कहा यह उनकी आखिरी गणतंत्र दिवस की सलामी थी, बेटे की तस्वीर लगायी, कहां यह बेटे की पहली गणतंत्र दिवस की सलामी है, बेटे ने भी इंस्टाग्राम पर साझा की अपनी ऐसी ही भावना, देखिये डीएसपी का यह भावनात्मक पोस्ट को

जमशेदपुर : एक पिता के लिए गर्व की बात तो तब होती है, जब उसका बेटा भी उससे ऊंचाई पर पहुंच जाये. ऐसा ही कुछ हुआ है जमशेदपुर के ट्राफिक डीएसपी कमल किशोर के साथ. उनके बेटे प्रियांक किशोर आइएएस बनने के बाद गुजरात के दादरा व हवेली के सिलवासा अनुमंडल का एसडीओ बने. वे प्रभार बनने के बाद पहली बार गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराये. प्रियांक किशोर यूपीएससी में 61 वां रैंक लाकर आइएएस बने और उनकी बतौर एसडीओ पहली पोस्टिंग सिलवासा में हुई. पहली बार वे 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी. इस पर उनके पिता डीएसपी कमल किशोर का सीना स्वाभाविक तौर पर चौड़ा हो गया. उन्होंने एक ऐसा भावनात्मक पोस्ट किया, जो सभी के दिल को छू गया. उन्होंने अपने इस पोस्ट में अपने बेटे के राष्ट्रीय ध्वज की सलामी लेते हुए तस्वीर को साझा की है और बताया है कि उनके बेटे की यह पहली गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने की तस्वीर है. (नीचे भी पढ़ें)

उसके साथ उन्होंने अपनी तस्वीर साझा की है, जिसमें वे जमशेदपुर के गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को सलामी देते हुए दिख रहे है. अपनी तस्वीर के साथ उन्होंने यह लिखा कि यह उनकी आखिरी गणतंत्र दिवस की सलामी थी. वजह है कि कमल किशोर इसी साल 30 जून को झारखंड पुलिस की सेवा से रिटायर होने वाले है. वे सब इंस्पेक्टर से लेकर डीएसपी तक के सफर को पूरा किया. इस दौरान उनके बेटे पहले तो यूपीएससी में 274 रैंक हासिल कर पुलिस कैडर में गये थे, लेकिन उनके बेटे ने फिर से प्रयास किया और अभी वे 61वां रैंक लाकर आइएएस बन गये. आइएएस के तौर पर उनकी यह पहली सलामी थी. उनके इस पोस्ट ने सबका दिल जीत लिया. हालांकि, उनके बेटे ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में भी इसी तरह का पोस्ट साझा किया है, जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है.

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