रांची : रांची लोकसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार यशस्विनी सहाय ने कहा है कि विगत दस वर्षों से देश में भाजपा की सरकार है. लेकिन भाजपा ने सत्ता में आने से पहले देशवासियों से जो वायदे किये थे, वे आज तक पूरे नहीं हो सके हैं. नरेंद्र मोदी की सरकार ने बड़े-बड़े वायदे किये थे. उन्होंने अच्छे दिन आ के सपने दिखाये थे, हमें भी उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दरअसल, मोदी जी ने मार्केटिंग अच्छी की थी, बातें बहुत बड़ी-बड़ी की गई थीं, लेकिन प्रोडक्ट वैसा नहीं दे पाये. (नीचे भी पढ़ें)
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने महिलाओं के हित में काम करने एवं उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के वायदे किये थे, लेकिन आज महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं, सबके सामने है. यही नहीं युवाओं के लिए नौकरी नहीं है. अब लोग समझने लगे हैं कि सच क्या है. देशवासी त्रस्त हैं. शिक्षित युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रहीं, महिलाओं के लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा है. पैसे घर में कम आ रहे हैं लेकिन वहीं महंगाई आसमान छू रही है. (नीचे भी पढ़ें)
यशस्विनी सहाय ने कहा कि झारखंड अलग राज्य बने करीब ढाई दशक हो गये. इनमें से 18 वर्ष तक किसी न किसी रूप में भाजपा का ही शासन रहा है, लेकिन इस दौरान रांची के लिए जो रोडमैप बनना चाहिए थे वह नहीं बन पाया. यही नहीं, झारखंड में विकास के जो काम होने चाहिएं थे वे नहीं हो सके. राज्य की पहली सरकार को राज्य के विकास का रोडमैप तैयार करना था, किन्तु उसने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि राज्य का विकास तो हो रहा है, किन्तु इस बीच हम अपनी सभ्यता एवं संस्कृति को कैसे बचा कर रखें, इस पर बात भी नहीं हो रही है. झारखंड इंडस्ट्रीज का हब माना जाता है, लेकिन आप देख सकते हैं कि एचईसी के साथ क्या हुआ. उन्होंने कहा कि अगर वे सांसद बनती हैं तो वे पार्टी के बड़े नेताओं के साथ मिलकर केंद्र और राज्य की सरकारों के बीच समन्वय स्थापित करेंगी, दोनों के बीच एक ब्रिज का काम करेंगी, तभी रांची का विकास हो पाएगा. (नीचे भी पढ़ें)
यशस्विनी ने कहा कि वे अधिवक्ता के तौर पर काम करती आई हैं, लेकिन आज वे एक बेटी, एक बहन के रूप में लोगों के समक्ष आई हैं. उन्होंने कहा कि उनके पिता सुबोधकांत सहाय का क्षेत्र के लोगों से जैसा पारिवारिक रिश्ता रहा है वह उनके दिल के बहुत करीब है. उन्होंने कहा कि वे उसी रूप में लोगों का प्यार एवं समर्थन लेने आई हैं. उन्होंने कहा कि आज वे लोगों के मुद्दों की बात करेंगी. बोरोजगारी सारी सीमाएं पार कर चुकी है. युवा नौकरी के लिए परेशान हैं, महिलाओं के मुद्दे पर, रांची की प्रगति के बारे में बात करेंगी.