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jharkhand-SAD-demise-of-AMITABH-CHOUDHARY-आइपीएस अमिताभ चौधरी के निधन पर शोक जताने पहुंचे मुख्यमंत्री समेत कई गणमान्य, रांची में गैंगस्टर अनिल शर्मा, सुरेंद्र बंगाली को पहुंचाया था सलाखों के पीछे, जमशेदपुर के माफिया हिदायत खान को जेल भेजने वाले अमिताभ ही थे, टाटा स्टील में की थी जीटी की नौकरी, फिर बने थे आइपीएस, जानें अमिताभ चौधरी से जुड़ी दिलचस्प खबर, जिस कारण उनको झारखंड ”मिस” करेगा

जमशेदपुर : झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के अध्यक्ष रह चुके आइपीएस अमिताभ चौधरी की मौत से हर कोई गमजदा है. सारे लोग शोकाकुल है. झारखंड बड़ा नुकसान हुआ. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झारखंड को क्रिकेट के फील्ड में मानचित्र पर लाने वाले अमिताभ चौधरी का असामयिक निधन से हर कोई दुखी है. उनको याद किया जा रहा है. आपको बता दें कि मंगलवार को अमिताभ चौधरी अपहने घर में पूजा करने के दौरान हार्ट अटैक के शिकार हो गये. जब तक रांची के सेंटेविटा अस्पताल ले जाया जाता, तब तक उनकी मौत हो गयी थी. उनकी मौत की खबर आग की तरह फैल गयी. सनसनी फैल गयी. क्रिकेट, प्रशासनिक, पुलिस समेत तमाम क्षेत्रों के लोग उनके आवास पर पहुंचे. गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा. (नीचे देखे पूरी खबर)

रांची के गैंगस्टर सुरेंद्र बंगाल और अनिल शर्मा को पकड़कर जेल भेजकर कमाया था नाम, जमशेदपुर में हिदायत खान को जेल भेजा था
झारखंड के तेज-तर्रार आइपीएस ऑफिसर अमिताभ चौधरी की पहचान काफी थी. वे जब रांची के पुलिस अधीक्षाक थे, तब उन्होंने वहां के बड़े गैंगस्टर अनिल शर्मा और सुरेंद्र बंगाल को जेल भेज दिया था. उस वक्त इन दोनों गैंगस्टर से सारे लोग थर्राते थे, लेकिन उनको शांत ही अमिताभ चौधरी ने कर दिया. इसके बाद वे जमशेदपुर में रेल एसपी के तौर पर काफी साल तक रहे. इसके बाद वे जमशेदपुर के एसपी बनाये गये. जमशेदपुर एसपी रहते हुए उनकी तबीयत खराब हो गयी. ब्रेन मलेरिया हो गया था. किसी तरह उनकी जान बच पायी थी. इस दौरान उनके ही कार्यकाल में माफिया डॉन (अब राजनेता) हिदायत खान को कोलकाता से लाया गया था. उन्होंने सरेंडर कर दिया था. इसके बाद वे जमशेदपुर मे एसपी रहते हुए ही झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बनाये गये. इसके बाद वे क्रिकेट में ही घुस गये.
टाटा स्टील में जीटी के तौर पर की थी नौकरी, फिर बने आइपीएस, बिहार में जन्मे थे अमिताभ
6 जुलाई 1960 को अमिताभ चौधरी का जन्म हुआ था. वे मूलरुप से बिहार के दरभंगा जिले के मणिगाछी के बाथो गांव के रहने वाले थे. 1985 में वे आइआइटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. इसके बाद वे कुछ दिनों तक टाटा स्टील के जीटी के तौर पर काम किया. इसी दौरान ही उनका चयन यूपीएससी में हो गया. इसके बाद उनको बिहार कैडर मिला. बिहार से झारखंड अलग होने के बाद उनको झारखंड कैडर मिल गया. रांची के एसपी के तौर पर उनका काफी नाम हुआ, फिर जमशेदपुर रेल एसपी बने और फिर जमशेदपुर के एसपी बनाये गये. (नीचे देखे पूरी खबर)

जमशेदपुर में टाटा स्टील के कब्जे से क्रिकेट को मुक्त कराकर ले गये, अपने ही विभाग के मंत्री को हराकर बन गये जेएससीए के बेताज बादशाह, बनाया रांची में विश्वस्तरीय क्रिकेट स्टेडियमॉ
जमशेदपुर के एसपी रहते हुए अमिताभ चौधरी झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन में इंट्री किये. यहां संजय सिंह को चुनाव में हराने के बाद अमिताभ चौधरी को अध्यक्ष बना दिया गया. अमिताभ चौधरी ने इसके बाद झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन में तत्कालीन एमडी टाटा स्टील बी मुथुरमण को चेयरमैन बनाया. इसके बाद डॉ जेजे ईरानी के साथ हुए. इसके बाद झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के नाम से संस्था को पंजीकृत कराया. इसके बाद 2002 में वे बीसीसीआइ के सदस्य बन गये. स्वर्गीय जगमोहन डालमिया के साथ वे काफी सालों तक काम करते रहे. उन्होंने झारखंड की पहचान अंतरराष्ट्रीय तौर पर दिलायी. बीसीसीआइ में उन्होंने इंट्री ली. 2005 में टाटा स्टील के सहयोग से तत्कालीन गृह मंत्री सह उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव लड़ा था. उनके खिलाफ अमिताभ चौधरी ने चुनाव लड़ा. वे धुन के पक्के इनसान थे. उन्होंने अपने ही विभाग के गृह मंत्री को हराकर अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया. इसके बाद 2005 से 2009 तक क्रिकेट टीम इंडिया के मैनेजर भी रहे. अमिताभ चौधरी ने साल 2013 में आइपीएस की नौकरी से वीआरएस ले लिया. इसके बाद 2014 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा. बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर वे रांची लोकसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन वे चुनाव हार गये. लेकिन क्रिकेट के क्षेत्र में काफी काम किया. जमशेदपुर में क्रिकेट सीमित थी, जिसको पूरे राज्य में ले गये. यहां से सारे सिस्टम को लेकर अमिताभ चौधरी चले गये. इसके बाद रांची में अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम बनाया. टेस्ट, वनडे, आइपीएल समेत सभी श्रेणी के क्रिकेट कराकर उन्होंने बादशाहत साबित की. वे हाल में होने वाले एक और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच की तैयारियों में जुटे हुए थे.
अमिताभ चौधरी को श्रद्धांजलि देने मुख्यमंत्री समेत अन्य पहुचे, जेपीएससी के चेयरमैन के तौर पर सफल रहा कार्यकाल
अमिताभ चौधरी के निधन की खबर पाकर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी दल बल के साथ पहुंचे. वे इससे पहले 31 जुलाई 2022 तक जेपीएससी के चेयरमैन पद पर रहे थे. उनके मनोनयन का विरोध भी होता था, लेकिन वे जिद्दी व्यक्ति थे और जेपीएससी को पटरी पर लाने में वे कामयाब रहे. इस दौरान वे क्रिकेट में भी लगे रहे. उनके निधन पर सभी राजनीतिक दलों के लोगों ने, राज्य के आइपीएस और आइएएस ने शोक जताया है. वहीं, भारत सरकार ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.

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