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jharkhand-teachers-recruitment-झारखंड में होगी 60 हजार शिक्षकों की बहाली, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की उच्चस्तरीय बैठक की, जानें क्या हुई इस अहम बैठक में

रांची : सरकारी विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा और पढ़ाई से संबंधित समुचित सुविधाएं मिले, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मंगलवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में उन्होंने शिक्षक नियुक्ति, मॉडल स्कूलों के संचालन और सरकारी विद्यालयों में आईसीटी कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कई निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी की वजह से पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए. उन्होंने शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया. इस मौके पर विभाग की ओर से बताया गया कि सहायक आचार्य के लगभग 50 हज़ार पदों के सृजन के प्रस्ताव पर प्रशासी पदवर्ग समिति की स्वीकृति मिल गई है. अब इस पर मंत्रिमंडल की स्वीकृति ली जानी है. वहीं, प्लस 2 विद्यालयों में 5610 शिक्षकों और 690 प्रयोगशाला सहायक के पदों पर बहाली के लिए कार्मिक विभाग को अधियाचना भेजी जा चुकी है जबकि, मॉडल स्कूलों में 979 शिक्षक और 267 प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्ति के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. (नीचे देखे पूरी खबर)

आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की ली अद्यतन जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में आधुनिक तरीके से बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित की जानी चाहिए. जिन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास से पढ़ाई की व्यवस्था है, वहां सॉफ्टवेयर और ई-कंटेंट को नियमित रूप से अपडेट किया जाना चाहिए. विभाग के द्वारा बताया गया कि वर्तमान में 974 विद्यालयों में आईसीटी लैब अधिष्ठापित किए जा चुके है इस वर्ष के अंत तक 3920 विद्यालयों में इसे चालू कर दिया जाएगा. माध्यमिक विद्यालयों के साथ मध्य विद्यालय में भी आईसीटी लैब स्थापित करने की योजना पर विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री को विभाग के सचिव ने अवगत कराया कि राज्य में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए 89 पिछड़े प्रखंडों में मॉडल स्कूल स्वीकृत किए गए हैं. इनमे 84 स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है. प्रखंड स्तर पर स्थापित इन विद्यालयों में झारखंड एकेडमिक काउंसिल के माध्यम से विद्यार्थियों का चयन होता है. लेकिन, हॉस्टल अथवा परिवहन की सुविधा नहीं होने से बच्चों को स्कूल आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस वजह से कई बच्चे नामांकन नहीं कराते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विद्यालयों में बच्चों के स्कूल में उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए सभी विकल्पों को ध्यान में रखकर आवश्यक कदम उठाएं. उन्होंने ही सभी विद्यालयों का जिओ टैगिंग कराने का भी निर्देश दिया. इस बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा, जेईपीसी की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी और निदेशक माध्यमिक शिक्षा सुनील कुमार मौजूद थे.

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