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kolhan commissioner meeting – कोल्हान के प्रमंडलीय आयुक्त ने की अहम बैठक, जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां और पश्चिम सिंहभूम में नक्सल को लेकर यह दिये गये आदेश, विकास को लेकर यह उठाने को कहा गया कदम

जमशेदपुर/चाईबासा : प्रमंडलीय आयुक्त सिंहभूम (कोल्हान) मनोज कुमार की अध्यक्षता में प्रमंडल में संचालित विकास कार्यों एवं योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गयी. इसमें पुलिस उपमहानिरीक्षक कोल्हान क्षेत्र अजय लिंडा, उपमहानिरीक्षक सीआपीएफ, उपायुक्त पश्चिम सिंहभूम अनन्य मित्तल, उपायुक्त सरायकेला खरसावां अरवा राजकमल, पुलिस अधीक्षक पश्चिम सिंहभूम आशुतोष शेखर, पुलिस अधीक्षक सरायकेला खरसावां आनंद प्रकाश, ग्रामीण पुलिस अधीक्षक पूर्वी सिंहभूम मुकेश लुणायत, अपर उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम जयदीप तिग्गा, अपर पुलिस अधीक्षक सरायकेला खरसावां, विद्युत अधीक्षण अभियंता विद्युत आपूर्ति अंचल चाईबासा, कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, चाईबासा/सरायकेला खरसावां, कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल, चाईबासा/ मनोहरपुर/ सरायकेला- खरसावां, कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य प्रमंडल, चाईबासा/ चक्रधरपुर/ सरायकेला – खरसावां, कार्यपालक अभियंता पेयजल और स्वच्छता प्रमंडल, चाईबासा/ सरायकेला- खरसावां प्रबंधक एयरटेल रांची, जिओ चाईबासा प्रमुख रूप से उपस्थित रहें. बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा क्रमवार प्रमंडल अंतर्गत जिले पश्चिम सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां के द्वारा संचालित विकास कार्यों और योजनाओं की क्रमवार समीक्षा की गई और उसके अद्यतन प्रतिवेदन के सम्बंध में भी जानकारी प्राप्त किया गया. (नीचे भी पढ़ें)

आयुक्त द्वारा विगत बैठक में दिए गए निर्देश के अनुपालन की अद्यतन स्थिति के बारे में भी पदाधिकारियों से समीक्षा की गई. विभागीय पदाधिकारियों के द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्य में अगर किसी प्रकार की समस्या आ रही है, तो उस संबंध में भी जानकारी प्राप्त किया गया. उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में प्रशासन और पुलिस आपसी सामंजस्य स्थापित करते हुए आधारभूत मौलिक सुविधाएं जन- जन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे और सुदूरवर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को मुख्यधारा में जोड़ने का भी कार्य करेंगे. बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा विशेष रुप से प्रमंडल के दूरस्थ क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पेयजल और मोबाइल कनेक्टिविटी पर विशेष रूप से जोर दिया गया. उन्होंने कहा कि योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए पदाधिकारियों को जमीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है. पदाधिकारी स्वयं स्थल पर जाए और संबंधित योजनाओं पर कार्य करे. उन्होंने उपस्थित सभी पदाधिकारियों से कहा कि अगर प्रमंडल के सुदूरवर्ती या नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकासात्मक कार्य करने में समस्या उत्पन्न हो रही है, तो उसे संबंधित उपायुक्त या पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में त्वरित लाएं उस पर उचित समाधान किया जाएगा.

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