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nation-इन लड़कियों और लड़कों ने नहीं सुनने और बोलने की कमजोरी पर पायी जीत, कोरोना काल में पेश की मिशाल, देखिये इनका जलवा

शार्प भारत डेस्कः कोरोना काल में मूक बधिरों ने एक से एक कारनामें को किया पेश. मूक बधिरों के संस्था ला-ग्रेविटी ने देशभर में अपनी क्रिएटिव आइडिया प्रतियोगिता आयोजित कराई थी, जिसमें नेपाल की हेवेन उपाध्याय और बेंगलुरू की श्र्वेता गोस्वामी उपविजेता घोषित किए गए. गौरतलब है कि रचनातमक सोच के साथ इस प्रतियोगिता को 21 जून को आयोजित किया गया था. इस प्रतियोगिता में वीडियों बनाकर यूथ आर्गनाइजेशन के सहयोग से भेजा गया था, जिसका परिणाम आज घोषित किया गया है. संस्था का यह पांचवां आयोजन रहा है. ला-ग्रेविटी के संचालक अविनाश दुगड़ बताते है कि देशभर में इस तरह का आयोजन कोई दूसरी संस्थआ नहीं करती है. देशभर में यह प्रतियोगिता मूक-बधिरों के लिए ही करायी जाती है. इस प्रतियोगिता में भारत, बांग्लादेश, नेपाल व नाइजीरिया के कुल 77 प्रतिभागी शामिल हुए थे.(नीचें पढें पूरी खबर)

श्वेता

श्वेता को मिस खामोशी डेफ-2021 का विजेता चुना गया है. श्वेता महज 21 वर्ष की है. श्वेता ने जो वीडियो भेजा था, जिसमें वें कुत्तों को खाना खिला रही थीं. अपनी तहर कोरोना काल में खुद की तरह बेजुबान जानवरों की पीड़ा समझकर सेवा कर रही थी. पुरस्कार में इन्हें 10,000 रुपये दिया गया है.

नेपाल की हेवेन उपाध्याय
नेपाल की 20 वर्षिय चैनपुर निवासी हेवेन उपाध्याय को उपविजेता का खिताब दिया गया. वीडियो में उन्होंने दुकान से सामान खरीदकर सड़क पर रात गुजार रहे गरीबों, नेत्रहीनों व दिव्यांगों को खाने का सामान बांटा था. इसके लिए उन्हें 10,000 रुपये दिया गया.

नागालैंड की सामलान चुइलो
नागालैंड के 24 वर्षिय दीमापुर के सामलान चुइलो को प्रथम उपविजेता घोषित किया गया. कोरोना के दौरान उन्होंने किचेन वेस्ट से खाद बनाकर घर की छत पर बागवानी की थी. यह पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है, जिससे उन्हें पुरस्कार में 4360 रुपये दिए गए.

नेपाल की लक्ष्मी महाजन
नेपाल के काठमांडू में रहने वाली 25 वर्षीय लक्ष्मी महाजन को भी प्रथम उपविजेता का पुरस्कार मिला है. इन्होंने कोरोना में मास्क की उपयोगिता को दर्शाते हुए फेस पेंटिंग किया था, उन्हें पुरस्कार के रूप में 4360 रुपये दिया गया था.

बांग्लादेश के नईम इस्लाम
बांग्लादेश के बोगरा में रहने वाले 16 वर्षीय नईम इस्लाम को यूथ अचीवर्स अवार्ड के लिए चुना गया. कोरोना काल में बकरों व आसपास में हरियाली फैलाते हुए नजर आये थे. उन्हें पुरस्कार में गिफ्ट हैम्पर दिया गया.

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