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singhbhum chamber tax clinic : सिंहभूम चैंबर के टैक्स क्लिनिक में जीएसटी काउंसिल की बैठक पर चर्चा, कई वित्तीय मामलों में आये नये प्रावधान को लेकर सतर्क रहने की जरूरत

राशिफल

जमशेदपुर : सिंहभूम चैम्बर में जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में हाल ही में प्रस्तावित राहतों पर चर्चा हुई. सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में शुक्रवार को सदस्यों, प्रोफेशनल्स एवं उद्यमियों की टैक्स से संबंधित समस्याओं के निराकरण हेतु आयोजित होने वाले टैक्स क्लिनिक का आयोजन चैम्बर भवन में किया गया. यह जानकारी उपाध्यक्ष वित्त एवं कराधान अधिवक्ता राजीव अग्रवाल एवं सचिव अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया ने संयुक्त रूप से दी. इस अवसर पर उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने जीएसटी अधिनियम के तहत प्रस्तावित संशोधनों पर चर्चा की और उन मुद्दों पर भी प्रकाश डाला जिनकी आगामी बजट के लिए वित्त मंत्रालय को अनुशंसित की गई है. इस अवसर पर महासचिव मानव केडिया ने कहा कि वह राज्य जीएसटी सचिव श्रीमती विप्र भाल से 2 जुलाई को मुलाकात करेंगे और प्रोफेशनल टैक्स एवं वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट के तहत जीएसटी की समस्याओं पर चर्चा करेंगे. महासचिव मानव केडिया ने ये भी बताया हाल की जीएसटी काउंसिल की बैठक में प्रस्तावित सुधारो में एफवाइ 1718 1819 1920 में अगर किसी को सेक्शन 73 का नोटिस आया हो तो विभिन्न क्लेरिफिकेशन ज़रूरी होगा. अगर किसी का सेक्शन 73 का आर्डर डीआरसी 07 पास हो गया है लेकिन उसने अपील कर रखा है और अब वो इसका रिलीफ लेना चाहता है तो कैसे होगा. (नीचे भी पढ़ें)

अगर किसी का ऑर्डर पास हो गया और उसने अपील फाइल नहीं किया तो फिर कैसे होगा. अगर किसी का ऑर्डर हो गया है और उसने दे भी दिया टैक्स इंटरेस्ट पेनाल्टी तो क्या उसको रिफंड मिलेगा ? अगर हा, तो कैसे? अगर किसी ने एससीएन के बाद डीआरसी 03 कर दिया तो उसको क्या रिफंड मिलेगा. अगर किसी ने टैक्स का डीआरसी 03 किया हो, और डिपार्टमेंट ने इंटरेस्ट पेनाल्टी का डीआरसी 07 किया हो, तो उसने उसकी अपील किया हुआ हो तो उसको रिलीफ कैसे मिलेगा. एफवाइ1920 का बहुत लोगो को एससीएन आ गया है और उसका डीआरसी 07 की डेट भी आ रही है, अब अगर कोई टैक्सपेयर इस स्कीम का फ़ायदा लेना चाहता है तो कैसे लेगा? क्योंकि बदलाव तो इसमें बजट के बाद होगा और बजट नोटीफाइड हमेशा सितंबर के आस पास होता है और तब तक तो एफवाइ 1920 के डीआरसी 07 भी डिपार्टमेंट कर देगा. उनके हिसाब से बजट के बाद बदलाव जब आएगा तो फिर सरकुलर जारी करके सीबीआइसी हर बात पर क्लैरिफिकेशन देगा, तभी सही से पता चलेगा कि इस स्कीम को वो कैसे किस तरीक़े से इंप्लीमेंट करते है. सचिव अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया ने उक्त अवसर पर प्रोफेशनल्स एवं उद्यमियों से आग्रह किया कि वे टैक्स क्लिनिक में अवश्य आयें और अपने जीएसटी एवं अन्य टैक्स संबंधित समस्याओं का निराकरण करे. टैक्स क्लिनिक के आयोजन का उद्देश्य ही यही है कि इससे सदस्यों की समस्याओं का समाधान हो सके. इस अवसर पर अधिवक्ता राजेश अग्रवाल, धानु कुमार के अलावा संख्या में व्यवसायी एवं उद्यमीगण उपस्थित थे.

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