जमशेदपुर : टाटानगर से बादामपहाड़ के बीच करीब 119 साल के बाद इलेक्ट्रिक इंजिन दौड़ने वाली है. इसको लेकर देश के सेफ्टी कमीश्नर ने डीआरएम विजय कुमार साहू के साथ पूरे रेलवे लाइन के सेफ्टी का मुआयना किया. टाटा स्टील की स्थापना के वक्त करीब 1908 में इस रेलवे लाइन की स्थापना रेलवे के माध्यम से आयरन ओर की ढुलाई के लिए किया गया था. उस वक्त गुरुमहिसानी में टाटा स्टील का पहला आयरन ओर माइंस था. उस वक्त के बाद से अब वहां इलेक्ट्रिक इंजिन दौड़ने वाली है, जिसके लिए इलेक्ट्रिफिकेशन का काम चल रहा है. इन अधिकारियों ने पूरे रेलवे लाइन के आसपास रहने वाले लोगों को दस मीटर की दूरी को खाली करने का निर्देश दिया. (नीचे पूरी खबरें पढ़ें)
इसके लिए अभियान भी चलाया जा रहा है. इन अधिकारियों ने पूरे रेलवे लाइन का दौरा किया और कार्य को संतोषप्रद पाया. इस दौरान 50 के स्पीड पर रेलवे इलेक्ट्रिक इंजिन को दौड़ाया गया, जिसको बढ़ाकर 70 का स्पीड एक माह में कर दिाय जायेगा. डीआरएम ने बताया कि यह लक्ष्य है कि 15 मई तक इसके काम को पूरा कर लिया जाना है. पोटका प्रखंड के हल्दीपोखर, हाता व अन्य पंचायतों के यात्रियों को इस रेलवए लाइन से काफी लाभ होता है. वहीं ओड़िशा के मयूरभंज और क्योंझर के लोगों को भी लाभ होता है. (नीचे पूरी खबरें पढ़ें)
बादामपहाड़ के लिए टाटानगर से हर रोज सुबह ट्रेन खुलती है, जो टाटानगर लौटकर गुवा की ओर रवाना हो जाती है, लेकिन एक और फेरा इससे बढ़ेगा और यात्रियों को काफी लाभ होगा. दोपहर में उधर जाने और शाम में लौटने वालों को आराम हो जायेगा. डीआरएम ने बताया कि रेलवे कोरोना को लेकर काफी सतर्क है. गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है. रेलवे यह मानती है कि दो साल तक कोरोना रह सकता है और ऐसा ही चलना है. उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे ने इस वित्तीय वर्ष में 135 मिलियन टन लोडिंग के बदले सारा लक्ष्य हासिल कर लिया है. चक्रधरपुर रमंडल ने 11000 करोड़ र रुपये का राजस्व प्राप्त किया है. कोरोना के समय में जब रेलवे यात्री ट्रेन नहीं चला रही थी, तब माल गाड़ी ज्यादा चली, जिससे लाभ ज्यादा हो पायी.