चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले में योजनाओं का सबसे बुरा हाल है. किसी भी योजना में पैसे की बंटरबांट नहीं हुई है इसकी सुचना नहीं है. योजनाओं में बंटरबांट की लूट मची है. इसी कड़ी में14वें वित्त आयोग से कहीं फर्जी योजना पर हाईमास्ट लाईट की खरीदारी की गई तो कहीं पेयजलापूर्ति व्यवस्था के रख रखाव के नाम पर सोलर युक्त सिंटेक्स की खरीदारी की गई है. इसका जीता जागता उदाहरण देखना है तो जगन्नाथपुर व नोवामुण्डी प्रखंड चले आइए, आपको देखने को मिल जाएगा. वैसी ही एक बानगी नोवामुण्डी प्रखंड के पोखरपी पंचायत में पेयजल की सुविधाएं लोगों को मुहैया कराने के नाम पर कोटगढ तथा पोखरपी पंचायत में लूट खसोट मची हैं. कोटगढ के बस स्टैंड चौक में 3.20 लाख की लागत से बने सोलर युक्त सिंटेक्स दो दिनों में ही फट गया. यह सोलर युक्त सिंटेक्स दो दिन पूर्व यानी बुधवार को ही फ्रेम बनाकर बैठाया गया था.
गुरुवार को सिंटेक्स में आधा पानी भरकर छोड दिया गया था. लेकिन शुक्रवार को सिंटेक्स में पूरा पानी भर दिया गया. सिंटेक्स काफी घटिया किस्म के होने से कमजोर था और पानी जब सिंटेक्स में पूरा भर गया तो टंकी का निचला हिस्सा कमजोर होने के कारण दो हिस्सों में फट गया और पूरा पानी बह गया. उधर, कोटगढ के ग्रामीण जवाहर लाल गोप तथा दासो दास ने बताया कि यह सिंटेक्स पंचायत निधि राशि से खरीदारी की गयी थी जो घटिया किस्म के लोहे का फ्रेम और सिंटेक्स का प्रयोग किया गया है. गांव के ही ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कोटगढ पंचायत और पोखरपी पंचायतों में बन रहे सोलर युक्त पेयजल योजना में घटिया स्तर का सामग्री का प्रयोग कर सरकारी राशि का बंदरबांट किया गया है. इसका प्रमाण है दो दिनों के अंदर सिंटेक्स फट जाना और इसका फ्रेम झूक गया. ग्रामीणों ने इस योजना पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि इसकी जांच की मांग बीडीओ तथा डीडीसी से करने की बात कही. साथ ही योजना के संवेदक के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए.