रामगोपाल जेना/चाईबासा : हो समाज की राजनीतिक परिचर्चा सह मतदाता जागरूकता अभियान को लेकर शनिवार को हो समाज के बुद्धिजीवियों एवं मानकी-मुंडा संघ के तत्वाधान में एक बैठक आयोजित हुई. बैठक की अध्यक्षता मानकी-मुंडा संघ के अध्यक्ष गणेश पाट पिंगुवा ने की. परिचर्चा में मतदान के प्रति जन साधारण को जागरूक करने का निर्णय लिया गया, साथ ही समाज के विभिन्न संगठनों एवं संस्थाओं के सदस्यों को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक किया गया. (नीचे भी पढ़ें)
बैठक में वक्ताओं ने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि झारखण्ड के स्थापना काल के बाद से ही कोल्हान तथा सिंहभूम में हो आदिवासियों का जितना विकास अपेक्षित था उसके अनुरूप विकास नहीं हुआ है. कोल्हान की धरती खनिज संपदा से परिपूर्ण है, परंतु यहां का बहुसंख्यक हो समाज विकास की दौड़ में पीछे रह गया है. कोल्हान की जनता और गांवों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. युवा बेरोजगार हैं, आज भी सिंहभूम के कोने कोने से हो समाज के युवा रोजगार की तलाश में पलायन करने को विवश हैं. (नीचे भी पढ़ें)
वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि अब हो समाज के एक राजनीतिक विकल्प के रूप में आगे बढ्ने का समय आ गया है, इसलिए हो समाज का राजनीतिक शक्ति के रूप में ध्रुवीकरण जरूरी है. सभी ने विश्वास जताया कि आसन्न लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव में हो समाज एकजुटता के साथ आगे आयेगा. इस जागरूकता अभियान मे विभिन्न सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. परिचर्चा को सफल बनाने में मानकी-मुंडा संघ, कोल्हान आदिवासी एकता मंच, आदिवासी हो समाज महासभा, आदिवासी हो समाज युवा महासभा, सिंहभूम आदिवासी समाज रांची, जोहार, सहित कई आदिवासी संगठनों के लोग उपस्थित थे.