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West singhbhum indi alliance campaign : 5 साल का हिसाब मांगने वालों पर केस दर्ज कराना जनता का अपमान, भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा को सबक सिखाएगी सिंहभूम की जनता – लक्ष्मी सुरेन

रामगोपाल जेना/चाईबासा : जिला परिषद् अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन ने बुधवार को टोंटो, मनोहरपुर व नोवामुंडी प्रखंडों के बुंडू, घाटकुरी, गंगदा समेत दर्जनों पंचायतों में आयोजित सभाओं को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा की सिंहभूम की जनता सांसद सह भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा से पिछले 5 साल का हिसाब मांग रही है. हिसाब मांगनेवाले जनता जनार्दन पर मुकदमा दर्ज करना जनता का अपमान है. ऐसे लोगों को जनता सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है. (नीचे भी पढ़ें)

लक्ष्मी ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा खरगोश की चाल चल रही थीं, जबकि इण्डिया गठबंधन की जोबा मांझी कछुए की चाल में चल रही हैं. इतिहास गवाह है, जीत कछुआ की ही होती है. लक्ष्मी सुरेन ने कहा कि सिंहभूम लोकसभा सीट से इण्डिया गठबंधन की प्रत्याशी जोबा मांझी रिकॉर्ड मतों से जीतेंगी, इसके लिए जनता पूरी तरह तैयार है. इस मौके पर समाजसेवी तबारक खान ने कहा कि जोबा मांझी झारखंड आंदोलनकारी स्व देवेंद्र मांझी के कार्यकाल से शोषित पीड़ित आदिवासी मूलवासियों के दुख-दर्द को करीब से देखती रही हैं और  उनके उत्थान के लिए हमेशा तैयार रहती हैं. झारखंड में तीर धनुष छाप के अलावा किसी अन्य छाप की जरूरत नहीं है.(नीचे भी पढ़ें)

 इस मौके पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व जिला प्रवक्ता बुधराम लागुरी ने कहा कि स्व देवेंद्र मांझी के त्याग और बलिदान को बेकार नहीं होने दिया जाएगा. इसके लिए इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार श्रीमती जोबा मांझी को तीर धनुष छाप पर मोहर लगा कर भारी मतों से जिताकर दिल्ली के संसद भवन भेजने की जरूरत है. भाजपा सरकार ने झारखंड की आदिवासी मूलवासी के संवैधानिक अधिकार को समाप्त करना चाहती है. इसलिए इस बार दलबदलू गीता कोड़ा को जनता सबक सिखाएगी. (नीचे भी पढ़ें)

इन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हमारे पुरखों की जमीन, हासा, भाषा को छीनना चाहती है, जिसे बचाए रखना हम सब का धर्म है. बैठक को पूर्व जिला परिषद सदस्य बमिया मांझी, पूर्व मुखिया कपिलेश्वर दोंगो, पूर्व मुखिया मोरनसिंह अंगरिया, मुंडा महावीर कोड़ा, बिरसा सुरीन, गुरु नागुरी, कृष्णा तोपनो ने भी संबोधित किया. मौके पर गुलिआन चंपिया, जुरिया चंपिया, लखन सुरेन, लालमोहन सुरेन, आसिया ताइसुम, गोमा सुरेन, चुम्बरू स्वांसी, चूड़ी सुरेन समेत काफी संख्या में ग्रामीण शामिल थे.

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