सरायकेला : जिले के आरआईटी थाना क्षेत्र के वार्ड 29 स्थित जन वितरण प्रणाली के लाइसेंसी महेंद्र प्रसाद की राशन दुकान से सरकारी चावल की कालाबाजारी कर ले जाते हुए स्थानीय लोगों ने एक युवक को अनाज के साथ पकड़ कर आरआईटी पुलिस के हवाले किया था. वहीं गम्हरिया प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी मनोज कुमार झा द्वारा भी पहुंचकर दुकान की जांच-पड़ताल कर सील कर दिया गया, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि पीडीएस दुकान सील हुए 72 घंटे हो चले हैं अबतक डीलर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं कराया गया है. जो चर्चा का विषय बना हुआ है. आखिर किन कारणों से और किसके इशारे पर एफआईआर नहीं हुआ है ये जांच का विषय है. एक तरफ सरकार दावा करती है कि सरकारी अनाज की कालाबाजारी करते पकड़े जाने पर सीधे जेल भेजा जाएगा, लेकिन यहां पर्याप्त प्रमाण उपलब्ध होने के बाद भी डीलर खुलेआम घूम रहा है हद तो ये है कि अबतक विभाग की ओर से एफआईआर तक दर्ज नहीं कराया गया है. इस संबंध में एमओ मनोज झा ने बताया कि उनकी ओर से सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गयी है ऊपर से आदेश मिलते ही एफआईआर दर्ज करा दिया जाएगा. अब सवाल ये है कि ऊपर कौन बैठा है ? जबकि सप्लाई ऑफिसर ने पहले ही दिन साफ कर दिया था कि किसी भी सूरत में कालाबाजारी करनेवाले को बख्शा नहीं जाएगा. फिर इंतजार किसका हो रहा है. सूत्र बताते हैं कि कालाबाजारी के खेल में कई ऐसे चेहरे हैं जो पूरे सिस्टम तक अपनी पहुंच रखते हैं, उसमे सफेदपोश से लेकर सरकारी कर्मी भी शामिल हैं. गौरतलब है कि 22 जुलाई को आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 29 के रोड नंबर 5 स्थित पीडीएस डीलर महेंद्र प्रसाद के दुकान से सरकारी चावल ले जाते दो युवकों को स्थानीय लोगों ने पकड़कर आरआईटी पुलिस के हवाले कर दिया था. जहां से विभागीय जांच में कालाबाजारी प्रमाणित होने के बाद देर रात दुकान को सील कर दिया गया था. वहीं अबतक डीलर पर एफआईआर नहीं किया गया है और वह खुलेआम घूम रहा है. हैरान करने वाली बात यह है की डीलर महेंद्र प्रसाद के दुकान से मेयर विनोद कुमार श्रीवास्तव का आवास 50 मीटर की दूरी पर है, और यहां दिनदहाड़े कालाबाजारी का खेल चल रहा था. स्थानीय लोगों की अगर मानें तो पूरे लॉकडाउन की अवधि में डीलर महेंद्र प्रसाद ने सैकड़ों क्विंटल सरकारी अनाज की कालाबाजारी की है. कार्डधारी बताते हैं, कि डीलर द्वारा बगैर मेयर की सहमति लिए किसी को अनाज नहीं दिया जाता था. हालांकि यह सब जांच का विषय है.
कालाबाजारी करते पाए गए डीलर को कौन बचा रहा, अबतक नहीं हुआ एफआईआर
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