जमशेदपुर : प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा करते हैं. इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता के मुताबिक इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, जिन्होंने चार वेदों का ज्ञान दिया था. इस खास दिन आप जिस किसी को भी गुरु मानते है उनके प्रति सम्मान व्यक्त कर सकते हैं. गुरुओं के ज्ञान को भारत वर्ष में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. इस वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई (शनिवार) को है. इस दिन भगवान विष्णु और भगवान वृहस्पति की भी पूजा की जाती है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा 23 जुलाई (शुक्रवार) को सुबह 10:43 बजे से शुरू होगी, जो कि 24 जुलाई की सुबह 08:06 बजे तक रहेगी. हिन्दू पंचांग के अनुसार किसी भी पर्व या त्योहार को उदय तिथि में लिया जाता है, इसलिए इस पर्व को 24 जुलाई (शनिवार) को मनाया जाएगा. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और प्रीति योग भी है. जो 24 जुलाई की दोपहर 12:40 से 25 जुलाई की सुबह 05:59 बजे तक है. इस खास दिन आप जिस किसी को भी गुरु मानते है उनके प्रति सम्मान व्यक्त कर सकते हैं.
guru-purnima-2021: इस गुरु पूर्णिमा को सर्वार्थ सिद्धि योग, जानें क्यों मनायी जाती है गुरु पूर्णिमा, क्या है शुभ मुहूर्त
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