जमशेदपुर : जमशेदपुर के साकची में हजरत अली अलैहिस्सलाम की शहादत को लेकर बीती देर रात मजलिस का आयोजन किया गया. इस मजलिस को मौलाना सादिक अली ने पढ़ा. उन्होंने अपनी मजलिस में बताया कि हजरत अली अलैहिस्सलाम ने अपने हुकूमत के दौर में घर-घर जाकर गरीबों को राशन पहुंचाया. जब देर रात हो जाती थी तो हजरत अली राशन के बोरे अपने कंधे पर लेकर अकेले ही लोगों के घरों पर जाते थे. 19 रमजान को मस्जिदे कूफा में सुबह की नमाज में उनके सर पर तलवार से हमला किया गया था. 21 रमजान को उनकी शहादत हुई थी. (नीचे भी पढ़ें)
मजलिस के बाद ताबूत निकले और लोगों की ताबूत की जियारत की. नौहा खानी और सीना जनी भी हुई. नोहा पढ़ा गया-हसन उड़ाते हैं खाक सिर पर हुसैन आंसू बहा रहे हैं. मोमिनो हैदर ए कर्रार का मातम कर लो. इस मजलिस में मानगो, टेल्को, टिनप्लेट, सोनारी, कपाली, शास्त्रीनगर, रामदास भट्टा, कीताडीह आदि इलाके से लोग पहुंचे थे. गुरुवार की दोपहर मानगो में जाकिरनगर स्थित इमामबारगाह हजरत अबू तालिब में मजलिस का आयोजन किया जाएगा.