शार्प भारत डेस्क : हमारे देश में प्राचीन समय से ही कम उम्र में विवाह की प्रथा चली आ रही है. जो अब कई हद तक कम हो चुका है. जिसे हम बाल विवाह का रूप देते है. आज हम आपको एक ऐसा सच बताएंगे जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएगे कि क्या ऐसा भी हो सकता है. यह तथ्य बांग्लादेश का एक छोटा सा गांव का है. जहां बेटियां अपने ही पिता से शादी करती है, जिसे गांव का परंपरा माना जाता है. यह परंपरा बांग्लादेश के मंडी जनजाति के बीच प्रचलित है. इस गांव में रहने वाली एक 30 साल की महिला ओरोला ने बात-चीत के दौरान बताया कि वह बहुत छोटी थी तब उसने अपने पिता के मृत्यु हो गयी थी. तब उसकी मां की शादी नॉटेन नाम के दूसरे व्यक्ति से हुई. वह दिखने में बेहद अच्छा और बेहतर स्वभाव का था. महज तीन साल उम्र में उसकी शादी उसके दूसरे पिता से हुई थी. जब उसने होश संभाला तब उसे पता चला कि उसके दूसरे पिता यानी नॉटेन ही उनके पति हैं. इसे यकीन करना उसके लिए थोड़ा मुश्किल था परन्तु हकीकत यहीं थी. यह उस गांव की व जाति की परंपरा होने के कारण ओरोला को उसके पति के रूप में अपने ही पिता को स्वीकार करना पड़ा. इस मंडी जनजाति के लोगों का मानना है कि कम उम्र का पति नयी पत्नी और बेटी का भी पति बनकर लंबे वक्त तक उनकी सुरक्षा कर सकता है. यह प्रथा बेहद अजीब है और सबसे बड़ी बात की उस गांव में अभी भी इस प्रथा को माना जाता है.