जमशेदपुर : ओड़िशा के भुवनेश्वर स्थित कीट यूनिवर्सिटी में 22 से 24 दिसंबर तक तीन दिवसीय 72वें आल इंडिया कॉमर्स कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. इसमें शहर के साकची स्थित करीम सिटी कॉलेज कॉमर्स संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ एमएम नजरी ने शिरकत की. इसके द्वितीय सेशन ‘स्किल इंडिया एंड एंप्लॉयमेंट : ए रोड मैप अहेड’ में डॉ नजरी ने ‘स्किल गैप इन कोल्हान डिवीजन’ विषय पर व्याखयान दिया.
व्याख्यान में उन्होंने बताया कि भारतीय अर्थ्यवस्था को 2024 तक 5.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में स्किल्ड मैन पावर एक ‘की’ फैक्टर का काम करेगा. अभी भारत के सामने ‘स्किल एंड एंप्लॉयबिलिटी’ एक बहुत बड़ी चुनौती है. ‘स्किल डेवलपमेंट ऑफ इंडिया’ के रिपोर्ट के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में अभी भी कुल वर्क फोर्स में से मात्र 4.69% लोगों ने ही ‘फॉर्मल स्किल ट्रेनिंग’ ली है, जबकि यह आंकड़ा यूके में 68% , जर्मनी में 75% , यूएस में 52%, जापान में 80% और साऊथ कोरिया में 96% है. इसके अतिरिक्त प्रो नजरी ने कोल्हान डिवीजन में 2012 से 2022 के बीच इस गैप की भी विस्तार से चर्चा की.