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Jamshedpur-rural : चाकुलिया के केएनजे उच्च विद्यालय के आदिवासी बाल छात्रावास में इस सत्र से नामांकन बंद, अविभाजित बिहार के समय पटना व अन्य जिलों से भी शिक्षा ग्रहण करने इस विद्यालय में आते थे विद्यार्थी

  • विद्यालय के एचएम ने कहा-छात्रावास है काफी जर्जर, सुरक्षा के दृष्टिकोण से दाखिला किया गया बंद

Chakulia (Jamshedpur rural) : KNJ High School : प्रखंड के केदारनाथ झुनझुनवाला (केएनजे) उच्च विद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में बिहार राज्य के समय अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. इस विद्यालय में दाखिला लेने के लिए पटना समेत अन्य बड़े और छोटे शहरों के छात्र आते थे. अलग राज्य बनते ही सरकारी पदाधिकारी और जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण इस विद्यालय में पठन-पाठन का स्तर दिन-प्रतिदिन गिरने लगा है. यह विद्यालय आज समस्याओं के मकड़जाल में उलझकर रह गया है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक कालिदास मुर्मू ने कहा कि विधालय में कमरा और शिक्षकों की समस्या है. विधालय में फिलहाल कक्षा एक से लेकर 10वीं तक की पढ़ाई हो रही हैं. उच्च विद्यालय में एचएम को लेकर 15 शिक्षकों का स्वीकृत पद है, परंतु सिर्फ सात शिक्षक ही हैं. प्राइमरी स्कूल में शिक्षकों के 6 पद स्वीकृत हैं. परंतु सिर्फ एक सरकारी शिक्षक और दो पारा शिक्षक के भरोसे विधालय संचालित है. विधालय की चाहारदीवारी भी टूट चुकी है, जिस कारण विधालय में एक-दो बार चोरी की घटना भी हुई है. चाहारदीवारी निर्माण कराने के लिए कई बार विभागीय पदाधिकारी और जन प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया है, परंतु इस दिशा में किसी ने पहल नहीं की है. स्कूल मैदान में कार्यक्रम करने पहुंचे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में विधालय की चाहारदीवारी निर्माण कराने की बात कही थी, परंतु अब तक नहीं बनी है.

चाकुलिया में सिर्फ एक आदिवासी बाल छात्रावास है वह भी हुआ बंद
केदारनाथ झुनझुनवाला उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक कालिदास मुर्मू ने बताया कि विधालय के आदिवासी बाल छात्रावास में इस सत्र से छात्रों का दाखिला लेना बंद कर दिया गया है. छात्रावास भवन काफी जर्जर हो चुका है, छत से प्लास्टर टूटकर गिर रहा है. कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. छात्रों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस सत्र से छात्रावास में दाखिला लेना बंद किया गया है. छात्रावास में पिछले सत्र में 15 छात्र रहते थे, जिनमें कुछ मैट्रिक परीक्षा दे चुके हैं और बाकी छात्रों को घर से आने-जाने की बात कही गयी है. श्री मुर्मू ने बताया कि छात्रावास बंद होने की सूचना जिला के संबंधित पदाधिकारी को दे दी गयी है. अबतक विभाग के पदाधिकारी द्वारा उचित मार्गदर्शन नहीं दिया गया है. विदित हो कि यह छात्रावास प्रखंड में सिर्फ एक मात्र आदिवासी बाल छात्रावास है. इस छात्रावास में प्रखंड समेत अन्य प्रखंडों के दूर-दराज से आनेवाले गरीब आदिवासी छात्र छात्रावास रहकर शिक्षा प्राप्त करते हैं. जन प्रतिनिधि और पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण यह छात्रावास भी अब बंद हो गया है.

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