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Srinath University Adityapur : आदित्यपुर : श्रीनाथ विश्वविद्यालय का छठा अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिंदी महोत्सव : ‘हिंदी भाष : नई चुनौतियों’ पर हुआ मंथन, विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता पुस्कृत, देखें सूची

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जमशेदपुर : श्रीनाथ विश्वविद्यालय में छठा अंतरराष्ट्रीय श्रीनाथ हिंदी महोत्सव का तीसरे दिन समापन हुआ। समापन समारोह का आरंभ चिंतन मनन के साथ किया गया, जिसका विषय था “हिन्दी भाषा : नई चुनौतियां”। इसमें वक्ता के रूप में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से कृतकार्य आचार्य डॉ चंद्रकला त्रिपाठी एवं एनआईएफटी भुवनेश्वर के निदेशक डॉ राजेश कुमार झा उपस्थित थे। इस चिंतन मनन कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय की वरिष्ठ सलाहकार कौशिक मिश्रा एवं कुलसचिव डॉ भाव्या भूषण ने किया । (नीचे भी पढ़ें)

पहला प्रश्न कौशिक मिश्रा ने राजेश कुमार झा से पूछा कि आप जब लोगों से मिलते हैं तो आप हिंदी को किस रूप में पाते हैं, इसका उत्तर देते हुए राजेश कुमार झा ने कहा कि एनआईएफटी फैशन के क्षेत्र में हिंदी थोड़ी कम बोली जाती है । मैं स्वयं मिथिला क्षेत्र से हूं । मैंने विद्यार्थी जीवन में पाया है कि एक बार जब अंग्रेजी आपके अंदर प्रवेश कर जाती है तो जल्दी निकल नहीं पाती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिण में हिंदी की स्थिति विशेषकर केरल में हिंदी बोलने में लोगों की रुचि दिखती है । दक्षिण में लोग हिंदी जानना चाहते हैं लेकिन उनमें एक झिझक है। लेकिन उन्हें भी यदि हिंदी बताया जाए तो वे भी हिंदी समझते हैं। (नीचे भी पढ़ें)

कौशिक मिश्रा ने अपना अगला प्रश्न डॉ चंद्रकला त्रिपाठी से किया कि आज हिंदी को थोपा जा रहा है या लोग हिंदी के प्रति रुचि दिखा रहे हैं , इसका जवाब देते हैं वह डॉ चंद्रकला त्रिपाठी ने कहा कि हिंदी की चुनौतियों से अधिक आज हिंदी के प्रति अधिक चिंता है आज हम एक विश्वग्राम में रहते हैं आज हम एक उदारी कृत विश्व में भी रहते हैं लेकिन दिक्कत यह है कि उदारता कहीं गुम हो रही है हम जैसे जैसे ग्लोबल हो रहे हैं ठीक उसी तरह हमें लोकल होने की भी आवश्यकता है। डॉ चंद्रकला त्रिपाठी ने कहा हिंदी पूरे भारत में आज सबसे अधिक स्वीकृत भाषा है आप अपने दिमाग से निकाल दीजिए कि आपके वाक्य में अंग्रेजी क्यों आ रहा है अंग्रेजी पर किसी का एकाधिकार नहीं है हिंदी भाषा का एक अपना लंबा इतिहास है संस्कृत से तमिल, कोंकणी,मराठी जैसी भाषाएं निकली है। एक समय था जब पाली और प्राकृत में साहित्य लिखा जाता था। (नीचे भी पढ़ें)

अगला प्रश्न डॉ भव्या भूषण ने डॉक्टर चंद्रकला त्रिपाठी से किया कि महोदया क्या एक भाषा ही दूसरे भाषा के लिए चुनौती खड़ी कर रही है? इसका जवाब देते हुए डॉ चंद्रकला त्रिपाठी ने कहा कि मेरा ऐसा मानना है कि हमारी हिंदी को सभी भारतीय भाषाओं की सखी सहेली बन कर आना है। बाजार आपकी चेतना पर कब्जा ना करें यही हिंदी कहती है जब हम अंग्रेजी की बात करते हैं तो? हिंदी या अन्य भाषाओं का विरोध नहीं करते हैं हिंदी अन्य भाषाओं तक पहुंचने का एक सेतु है जिससे हम संस्कृति तक पहुंचेंगे अपनी विरासत तक पहुंच सकेंगे। (नीचे भी पढ़ें)

अगला प्रश्न पुनः डॉ भाव्या भूषण ने राजेश कुमार झा से कहा किया कि आपका काम अधिक विदेशियों के साथ मिलकर होता है ऐसे में आप हिंदी का उपयोग किस हद तक कर पाते हैं। जिसका जवाब देते हुए राजेश कुमार झा ने कहा कि यह चुनौती है लेकिन मेरा मानना है कि हमारा जिनके साथ काम होता है उनमें से कई लोग भारतीय भी होते हैं इसलिए इतनी अधिक हमें परेशानी भी नहीं होती है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि हम अपनी अर्थव्यवस्था को अधिक मजबूत करें , हम अपने आपको यदि और अधिक सशक्त करें तो हमें कोई रोक नहीं सकेगा आज एनआईएफटी विश्व में नौवें स्थान पर है जो हमारे लिए एक गौरव की बात है हम जिस तरह से अर्थव्यवस्था में आगे आ रहे हैं इससे हम निश्चित रूप से इन चुनौतियों से निपट पाएंगे। (नीचे भी पढ़ें)

चिंतन मनन में भाग लेते हुए डॉ वशिष्ठ नारायण त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृत देववाणी है इसलिए इसके लिपि को हम देवनागरी कहते हैं आज संकट इस बात का है कि अन्य भाषाओं वालों की एक सोच है कि हमारी भाषाएं समाप्त हो जाएंगी इसका निदान यह है कि आप उन्हें हिंदी उनकी भाषा में सिखाएं ,आप उनकी लिपि में हिंदी सिखाएं उस दिन के देवनागरी के प्रति झुकाव उनका बढ़ जाएगा अगर हिंदी से थोपे जाने से बचना है तो आपको अन्य भाषाओं को संरक्षित करना होगा तभी वे हिंदी के समर्थन में खुलकर सामने आएंगे। (नीचे भी पढ़ें)

दर्शक दीर्घा से एक प्रश्न मंच पर बैठे वक्ताओं से किया गया कि आज हिंदी को स्कूल में इतना सम्मान नहीं मिल पा रहा है जितना उसे मिलना चाहिए तो आप हमें यह बताएं कि हिंदी को कैसे परोसा जाए कि हिंदी को उसका सम्मान मिल सके? इसका जवाब देते हुए डॉक्टर चंद्रकला त्रिपाठी ने कहा कि हमें मूर्खों के द्वारा किए गए तिरस्कार को नकारना आना चाहिए। यदि कोई आपका अपमान कर रहा है तो आप महात्मा गांधी के उस घटना को याद करें जिन्होंने अपने अपमान को याद रख कर देश को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त कराया था इसलिए मैं अपने युवाओं से यह कहना चाहूंगी कि स्वयं पर गर्व करना सीखो हम अपने अपमान से भी अपना आगे बढ़ने का मार्ग बना सकते हैं। (नीचे भी पढ़ें)

अंत में राजेश कुमार झा ने कहा कि हमें अपने निज भाषा पर गर्व करना चाहिए हमें अपने अपमान से ही अपने आगे बढ़ने का रास्ता बनाना सीखना चाहिए हम तभी एक खुली हवा में सांस लेंगे और मुझे लगता है कि वह समय अब आ गया है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष अनिल महतो ने कहा कि झारखंड प्रदेश धारियों का प्रदेश है। स्थानीय भाषा हमारे जीवन का आधार है तथापि हिंदी हमारी अपनी भाषा है जिसे बोलने पर उसके विकास के लिए सदा प्रयासरत रहना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार डॉ संजय पांडे ने कहा कि हिंदी की महानता पर जितना कहा जाए कम है हिंदी को अधिक रोजगार परक बनाने की जरूरत है बच्चे सरकारी स्कूलों में ही पढते हैं अतः शिक्षा का स्तर सुधारा जाना चाहिए। (नीचे भी पढ़ें)

विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता
हास्य कवि सम्मेलन
प्रथम – विवेक कपूर (श्रीनाथ विश्वविद्यालय)
द्वितीय – प्राची अरुणिमा(कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ,उड़ीसा)
तृतीय – अनीमा अतिथि (वसंता कॉलेज फॉर वूमेन वाराणसी)
प्रश्नोत्तरी
प्रथम – नजमीन कौशर, सुषमा (करीम सिटी कॉलेज)
द्वितीय -हेम कांति, प्रीतेश (उत्कल विश्वविद्यालय उड़ीसा)
तृतीय -संदीप शर्मा,रुसी रानी महतो (श्रीनाथ विश्वविद्यालय)
दीवार सज्जा
प्रथम -रिया दास,सरिता, सूरज( श्रीनाथ विश्वविद्यालय)
द्वितीय- नैना शर्मा,कंचन कुमारी( कुट्टी कालेज)
तृतीय-पूजा,प्रभात, (मधुसूदन टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज)
सामूहिक चर्चा
प्रथम – विराट सिंह (साईं नाथ यूनिवर्सिटी
द्वितीय -हेमंत पाठक (जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज)
तृतीय- शशांक शेखर( उदय मेमोरियल B.Ed कॉलेज)
साहित्यिक सफर
प्रथम – प्रीति रानी महतो, इशिता राय (श्रीनाथ विश्वविद्यालय)
द्वितीय – ज्योति रानी, सुनीता हेंब्रम (डीबीएमएस कॉलेज कदमा)
तृतीय- जया गुप्ता, नाहिद परवीन (कुल्टी कॉलेज पश्चिम बंगाल)
समाचार वाचन
प्रथम – आदर्श कुमार सिंह, आरती कुमारी, रीमा महतो (श्रीनाथ विश्वविद्यालय)
द्वितीय – नीतू कुमारी,शशांक कुमार,निक्की कुमारी। (उदय मेमोरियल B.Ed कॉलेज)
तृतीय – स्वाति कुमारी, रूबी यादव,रजनी पूर्ति (महिला कॉलेज चाईबासा)
मुखड़े पर मुखड़ा
प्रथम – आयुष डे, सौम्याज्योति मिश्रा (श्रीनाथ विश्वविद्यालय)
द्वितीय – श्रेया डे, प्रिया मुर्मू (मिसेज केएमपीएम वोकेशनल कॉलेज)
तृतीय – शिवांगी गुप्ता, शिवांगी सिंह (वसंता कॉलेज फॉर वूमंस वाराणसी)
लिखो कहानी
प्रथम – गणेश साहू (रन्भा कॉलेज ऑफ एजुकेशन)
द्वितीय -रतनी महतो (महिला कॉलेज चाईबासा)
तृतीय -बसंती महतो (श्रीनाथ विश्वविद्यालय)
रिपोर्ताज लेखन
प्रथम – शालिनी तिवारी। स्वामी विवेकानंद कॉलेज।
द्वितीय – विशेश्वर महतो (आशू किस्कू ,रवि किस्कु रवि मेमोरियल कॉलेज)
तृतीय – सौम्या शाह (डीबीएमएस कॉलेज कदमा)
व्यक्तित्व झांकी
प्रथम – अमित कश्यप,कनक अलीजा टोप्पो (साई नाथ विश्वविद्यालय)
द्वितीय – जीवेश मार्गी, मंजरी सोय ( श्रीनाथ विश्वविद्यालय)
तृतीय – वेदिका लाधा, अंचल यादव( वसंता कॉलेज फॉर वूमेन)
उल्टा पुल्टा
प्रथम – विवेक कपूर (श्रीनाथ विश्वविद्यालय)
द्वितीय – जगजीत सिंह (जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज)
तृतीय – सत्यम सोनी (एनआईटी राउरकेला)
शब्द सरिता
प्रथम – अनुजा, सुष्मिता (डीबीएम स कालेज कदमा)
द्वितीय -शालिनी गोप, तपसी महतो। महिला (कॉलेज चाईबासा)
तृतीय -पूर्णेन्दु पुष्कर ,विवेक कपूर श्रीनाथ विश्वविद्यालय।
कोलाज कला
प्रथम – अभिषेक पूर्ति,प्रिया कुमारी, सौरभ महतो (येम.बी.एन.एस. इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन)
द्वितीय – सत्यभामा कुमारी,स्मृति अधिकारी,सारून अभिलाषा गोप (जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय)
तृतीय – बोनिता फ्रांसिस, नेहा क्षत्रिय,प्रियंका समन्ता
(श्रीनाथ विश्वविद्यालय)
तृतीय – रंजना दुबराज , प्रीति कौर, एकता रानी महतो सरिता बिरूवा (महिला कॉलेज चाईबासा)
कहानी से कविता तक
प्रथम – अभिषेक शर्मा आईआईटी खड़कपुर।
द्वितीय – जयेश तोमर (देव संस्कृति विश्वविद्यालय उत्तराखंड)
तृतीय- अनवेषा रथ (साईं नाथ विश्वविद्यालय)
भाषा रूपांतरण
प्रथम – सत्यम सोनी (एनआईटी राउरकेला)
द्वितीय – प्राची अरुणिमा (आईआईटी भुवनेश्वर)
तृतीय – अभीनीत कात्यायन (वसंता कॉलेज फॉर वूमेन)
विज्ञापन रचना
प्रथम – मनीषा कलुनडिया, स्वाति सुधा दास, अंजलि साव (महिला कॉलेज चाईबासा)
द्वितीय – अंजू महतो,अभिषेक कुमार, रीतिका
तृतीय- सलोनी चौधरी,हर्षा मोदी श, निधिअग्रवाल (डी.बी.एम.एस. कॉलेज कदमा)
रेडियो श्रीनाथ
प्रथम – संजीव कुमार मुर्मू, निक्की कुमारी (उदय मेमोरियल कॉलेज)
द्वितीय – विवेक कपूर ,अंजू महतो (श्रीनाथ विश्वविद्यालय)
तृतीय – आदित्य रंजन, आस्था शुक्ला (देव संस्कृति विश्वविद्यालय उत्तराखंड)
रील्स संचार
प्रथम – पवन महतो (गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज भागा)
द्वितीय – जयेश तोमर (देव संस्कृति विश्वविद्यालय उत्तराखंड)
तृतीय – रोहित मुंड (श्रीनाथ विश्वविद्यालय)
रंगोली
प्रथम – पूर्णिमा कुमारी, दीपिका प्रधान (जमशेदपुर विमेंस विश्वविद्यालय)
द्वितीय – गुंजा कुमारी, अंजली कुमारी (उँदय मेमोरियल कालेज)
तृतीय- जयंती कुमारी,जया, सुमन कुमारी (जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज)
वाक् चातुर्य
प्रथम- अपूर्वा श्रीवास्तव (वसंता कॉलेज फॉर वूमंस वाराणसी)
द्वितीय – रेणुका सलीमा (डीबीएमएस कॉलेज कदमा)
अमित पाठक (साईं नाथ विश्वविद्यालय)
वृत्त चित्र प्रदर्शन
प्रथम – गौरव ,आदित्य रंजन ,अनमोल शर्मा (देव संस्कृति।विश्वविद्यालय उत्तराखंड)
द्वितीय – माला रानी दास,स्वाति कुमारी,निर्मला महतो (महिला कॉलेज चाईबासा)
तृतीय – अमन कुमार उपाध्याय, पंकज कुमार गुड़ाई। गोराई, अभिजीत सिंह, (श्रीनाथ यूनिवर्सिटी)
लघु नाटिका
प्रथम- श्रीनाथ विश्वविद्यालय
द्वितीय- जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय
तृतीय- मधुसूदन महतो टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज
महोत्सव के समापन समारोह में शहर के कई गणमान्य अतिथि संस्थापक शंभु महतो, संध्या महतो , सचिव गुरुदेव महतो, प्रबंधन की सदस्य अनीता महतो, मौमिता महतो , वरिष्ठ सलाहकार कौशिक मिश्रा एवं विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधि तथा विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। महोत्सव का समापन विजेताओं के बीच पुरस्कार वितरण के साथ हुआ।

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