जमशेदपुर : सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में तीन दिवसीय टैक्स क्लिनिक जो कि 3 अप्रैल से शुरूआत की हुई थी का समापन हुआ. टैक्स क्लिनिक में कुल 17 व्यवसायियों ने आकर झारखण्ड सरकार द्वारा लाई गई कर-समाधान योजना के बारे में जानकारी ली. टैक्स क्लिनिक के संयोजक राजेष अग्रवाल, अधिवक्ता ने बताया कि झारखण्ड सरकार पुराने बकायों एवं विवादों के समाधान के लिये जो योजना लाई है वह पूरे झारखण्ड के व्यवसायियों के लिये बेहद लाभप्रद है, जिसमें जीएसटी लागू होने के पूर्व की अवधि का कोई भी कर, ब्याज एवं पेनाल्टी बकाया हो उसे 40 प्रतिशत कर एवं 10 प्रतिषत ब्याज तथा पेनाल्टी देकर अपना बकाया समाप्त करने का प्रावधान है. उन्होंने व्यवसायियों से आग्रह किया कि वे यथाषीघ्र अपना-अपना आवेदन ऑनलाईन भर दें. अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने बताया कि कर समाधान योजना के क्रियान्वयन के लिये जो ऑनलाईन फॉर्म उपलब्ध है उसमें कुछ त्रुटियां भी है जिसे सरकार को दूर करना चाहिए. उदाहरण स्वरूप बिहार फाईनेंस एक्ट के लंबित मामलों के लिये कोई अलग कॉलम नहीं दिया गया है. मानद महासचिव मानव केडिया ने सरकार से आग्रह किया है कि कर समाधान योजना के प्रावधानों को आसानी से समझने के लिये सरकार को एक विस्तृत स्पष्टीकरण (उदाहरण सहित) उपलब्ध कराना चाहिए. (नीचे भी पढ़ें)
कोषाध्यक्ष किशोर गोलछा ने आग्रह किया कि किसी विचाराधीन मामले में स्टे लेने के लिये यदि व्यवसायी ने पूर्व में कोई रकम जमा कराई है तो स्वीकृत कर न माना जाय एवं अंतिम आदेश पारित होने के बाद देय राशि से उसे घटाने के लिये स्वीकृति दे. सचिव, वित्त एवं कराधान पीयूष चौधरी, अधिवक्ता ने सभी सुझावों को सरकार एवं वित्त विभाग तक पहुंचाने का आष्वासन दिया एवं टैक्स क्लिनिक में शामिल हुये सभी एक्सपर्ट्स को धन्यवाद देते हुये उनका आभार प्रकट किया. उक्त तीन दिवसीय टैक्स क्लिनिक को सफल बनाने में मुख्य रूप से टैक्स क्लिनिक के संयोजक राजेश अग्रवाल अधिवक्ता, सहसंयोजक सतीष सिंह, अधिवक्ता, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, मानद महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष, वित्त एवं कराधान सीए दिलीप गोलेच्छा एवं सचिव, वित्त एवं कराधान अधिवक्ता पीयूष चौधरी एवं सभी पदाधिकारीगणों का महत्वपूर्ण योगदान रहा.